पृष्ठ:सितार-मालिका.pdf/११६

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बारहवां अध्याय ५ सां निनि ध म गुग म सा गुगु मम गुग सा- मानि -नि सा दा दिर दा रा 5 दिर दा रा दा दिर दिर दिर दाऽ रदा र दा ३ x २ नायकी कान्हरा- पप दा दिर दा रा 5 दिर दा म सां निनि पप मप दा दिर दिर दिर गु- मरे -रे सा हाऽ रदा रा दा ३ X २ पप गु म प प- पमा प निनि म सां रे सांसां निनि राs दिर दा रा दा दिर दिर दिर दाऽ रदा दा दिर दा ३ X मालगुजो- म रे सा 1 निनि ध नि | सा गग मम धध नि- निध - ५ 5 दिर दा रा दा दिर दिर दिर दाऽ रदा दा दिर दा रा डर दा ० ३ x म धध नि सा गुट निनि ध ध 5 दिर दा रा म गंग मम पप दा दिर दिर दिर दाऽ गुरे रे सा रदा र दा दिर दा रा दा ३ ३ ढांचे नं० १२ पर गते बनाने से पूर्व गति के बोलों को खूब अच्छी तरह कंठ लेना चाहिये; अन्यथा गति बनाने में उलझन पैदा हो जायगी। इन को बनाने के लिये आप पहिले गति को 'दिड दाड़ा' आदि में लिख लीजिये, फिर उन बोलों के आधार से जिस राग की गति बनानी हो, उस राग की चाल के अनुसार ही स्वरों को लिख डालिये। देखिये:- राग काफी- प प सा--नि मा-रे--सा रे-, ग- रे ! गु-; म- -गु म दाऽ ऽदि डाऽ, दाऽ ऽदि डाऽ, दाऽ ऽदि डाड, दाऽ ऽदि ड़ा, दा S दा ३ X