पृष्ठ:सितार-मालिका.pdf/११९

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सितार मालिका ग, सा गग मम पप म- सा मग -रे सा निनिध दा दा रा, दा दिर दिर दिर दाऽ रदा र दा, दिर दा दिर दा २ X द्रुत एकताले के लिये गतों का निर्माण- हम समझते हैं कि अब आप भी इसी प्रकार जिस राग की गति चाहें किसी भी ढांचे पर तैयार कर सकते हैं। यदि आप चाहें तो इच्छानुसार अन्य ढांचे भी चाहे जितने तैयार कर सकते हैं। अब आपको एक-दो ढांचा द्रुत एकताल के लिये और बतलाते हैं। चूंकि एकताल में बारह मात्राएँ होती हैं अतः आप चाहे जिस प्रकार बारह मात्राओं मिलाकर सुन्दर से सुन्दर मेल बना सकते हैं। उदाहरण के लिये देखिये:- ढांचा नं०१३- दा दिड दा डा दा दा डा दिड दा- डादा -ड़ दिड १ २ ३ ac 11 ६ ढांचा नं० १४--- दा दा डा दिड दा दिड दा डा दा- डादा -ड दिड $ २ ३ ५ ६ & यदि आप चाहें तो इन्हीं दोनों को मिला कर दो आवृतियों के लिये भी एक नया ढांचा तैयार कर सकते हैं। ढांचे नं० १३ पर कुछ गतियां देखिये:- जैजैवन्ती-- रे सा | नि सारे सासा नि- निध दा दिर दा रा दारा दिर दाउ X