पृष्ठ:सितार-मालिका.pdf/१४५

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सोलहवाँ अध्याय विभिन्न लय के कुछ कठिन तीये चक्रदार और झाले बनाना अभी तक हमने आपको कुछ सरल तीये बजाने की विधि बतलाई है। जब आप तबले के बोलों के आधार से सितार बजाने में अपनी झिझक निकाल लें, तभी इन बोलों को बजाने का प्रयत्न करें। कारण, यह बोल पिछले अध्याय के बोलों से कुछ कठिन हैं। यहाँ पर केवल तबले और नाच की परणें दी जा रही हैं:- तीया नं०१ २ विधिः धिधिध् तृकधिध् धिग-न्न कतत,क तत,कत, कतकत गदिगिन o ३ कतगदि गिनकत धा कत्तगदि | गिनकत X धा धा कतगदि गिनकत जिस प्रकार आपने अब तक तबले के बोलों पर सितार बजाया है, उसी प्रकार इन परनों को भी राग में लगने वाले स्वरों के आधार से बजाइये । तीया नं. २ २ नकिट,त किटतक धित्ता तघिड़ा -नधिड़ नगतिर किटतक -धिड़ ३ किटतक धा- धा- नगतिर X धा -धिड़ नगतिर किटतक बजाने से पहिले इन्हें कंठस्थ कर लेना जरूरी है। यहां 'धा' के आगे जो विराम हैं, वहां 'आ आ' (दो बार ) बोलिये । एक आवृति का ही एक टुकड़ा और देखिये। तीया नं. ३ २ विधिविधि वितगि -नधिध् तगि-न विधिध धा,त्रक धितगि --