पृष्ठ:सितार-मालिका.pdf/१५३

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१३२ सितार मालिका इसमें भी सीधे बोल जोड़े जा सकते हैं। परन्तु इसे अधिक सुन्दर बनाने के लिये एक अन्य तीया धिरधिरकिटतक धा,धिरधिर किटतक,धा धिरधिरकिटतक धा जोड़े ४ ५ २ ३ देते हैं। अब अापका यह टुकड़ा इस प्रकार बनाः- धातिरकिटतक ता कतगदि गिन पहिली आठ मात्राएँ नकधे एत्ता धिनधिड़ा श्रानधा नक धागे नाति धिन कहरवे की चार जोड़ी हुई मात्राएँ धिरधिरकिटतक धा,घिरधिर किटतकधा, धिरधिरकिट धा नाति जब इसकी चक्रदार बनाई तो पहिली बारह मात्राओं को लेकर, उनमें अन्तिम पांच मात्राओं को तीन बार कह कर सत्ताईस मात्राएं पूरी करली । फिर इन्हीं सत्ताईस को ज्यों का त्यों तीन बार बजा डाला । देखिये, इसे इस प्रकार लिखेंगे। (नं०२) धातिरकिटतक ता कतगदि गिन नकधे -ता धिनधिड़ा -नधा धागे ३ नक धिन धिरधिरकिटतक धा,धिरधिर किटतकधा, धिरधिरकिटतक ११ १२ १४ धिरधिरकिटतक धा,धिरधिर किटतकधा धिरधिरकिटतक धा, धिरधिरकिटतक 3 २ ४ ७ 5 ६ २२ २३ धा,धिरधिर किटतकधा धिरधिरकिटतक धा २४ २७ अब इस पूरे को तीन बार बजा डालिये । चूंकि इसे लिखने में काफी जगह चाहिये अतः यहां केवल एक तिहाई लिखकर ही छोड़ दिया गया है । आगे आप पूरा कर लीजिये। चक्रदार बनाने का सूत्र--- यदि इस प्रकार की चक्रदार बनाने का सूत्र बनायें तो उसका स्वरूप निम्न होगाः- (बोल + धा सहित मुखड़ा + धा सहित मुखड़ा + धा सहित मुखड़ा)x३ [ बोल + (धा सहित मुखड़ा)x ३] ४३ इस प्रकार आप चाहे जितनी चक्रदार बना सकते हैं।