पृष्ठ:सितार-मालिका.pdf/१५९

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१३८ सितार मालिका इस प्रकार गुणी लोग याद तो करते हैं केवल सोलह मात्राएँ ही; परन्तु उसे अनेक प्रकार से चाहे जितनी आवृत्तियों में सुना देते हैं। इस तरह आप भी एक ही टुकड़े को बाईस आवृत्ति तक में बजाना सीख गये। यदि आप चाहें तो इसी प्रकार पांच ध की भी चक्रदार बना सकते हैं। इस चक्रदार में जहां १, २, ३, लिखा है, वहाँ या तो चिकारी बजानी है, या मन में १, २,३ गिनना है । पांच ध की कमाली चक्रदार- चंकि यह चक्रदार बीस आवृत्तियों में आयेगी इसलिये इसे पूरा न लिखकर सूत्र रूप में आपको समझाये देते हैं। इसमें: - (बोल १० मात्रा का+मुखड़ा ६ मात्रा का+धा धा धा धा धा+मुखड़ा धा धा धा धा धा+मुखड़ा+धा धा धा धा धा+मुखड़ा+धा धा धा धा धा+मुखड़ा धा धा धा धा धा+३ मात्रा का दम )x५ अर्थात् यह कुल पांच बार बजेगा । इसमें भी वही विशेषता होगी कि पहले चक्र में पहिले मुखड़े के पहले धा पर, दूसरे चक्र में दूसरे मुखड़े के दूसरे धा पर, तीसरे चक्र में तीसरे मुखड़े के तीसरे धा पर, चौथे चक्र में चौथे मुखड़े के चौथे धा पर, और पांचवें चक्र में पांचवें मुखड़े के पांचवें धा पर सम होगा। इसका केवल एक चक्र ताल बद्ध करके लिखे दे रहे हैं। उस सब को पांच बार बजाने पर पूरा समझियेगा। देखिये नं०७ :- ! धिट धा धाधा तिरकिट धिट धा धातु ऽन्ना किड़नग तिरकिट तकता तिरकिट धिट धागे नधा तिरकिट धा धा धा धा धा, तकता तिरकिट धिट नधा तिरकिट धा धा धा धा तकता तिरकिट धिट धागे नधा तिरकिट धा धा