पृष्ठ:सितार-मालिका.pdf/१६१

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१४० सितार मालिका X ककसांक साककक मकमक ककधुक | धककक निकनिक ककसांक सांककक X मकमक सककक धकधक धुककक निकनिक निककक सांकसांक सांककक X इस प्रकार जब जैसे झाले की इच्छा हो, आप स्वयं ताल बद्ध करके बजा सकते हैं। गति को समाप्ति का तीया--- झाले के उपरांत जब सितार वादन समाप्त किया जाता है तब प्रायः सितारिये बढ़ी हुई लय में सम से सम तक अथवा विलम्बित लय में खाली से सम तक ऐसा तीया बजाते हैं जिसमें सम सबसे अन्त में ही आता है। उदाहरण के लिये यदि आप सबसे पहिले तीये के टुकड़े को लेलें तो उसी से समाप्ति के लिये निम्न प्रकार तौया बजाया जा सकता है। जैसे- कतगदि गिनकत धा कतगदि गिनकत धा कतगदि गिनकत कतगदि गिनकत धा कतगदि गिनकत धा कतगदि गिनकत कतगदि गिनकत धा कतगदि ! गिनकत धा x धा कतगदि गिनकत मेरा अनुमान है कि आप इसी पुस्तक के आधार से विलम्बित अथवा द्रुत किसी भी लय में, किसी भी राग की गति स्वयं निर्माण करके सरलता से पच्चीस-तीस मिनिट तक श्रोताओं को हर बार नवीन बात दिखाकर आकर्षित कर सकेंगे।