पृष्ठ:सितार-मालिका.pdf/१६५

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सितार मालिका म म ग रे रे सा नि ध नि ग सा ग म नि ध नि ध प सां नि सां मं गं मंग नि ध नि रे ग रे रे सां नि नि ध धु प म म ग रे अन्तरा- x २ ३ म T म नि ध रें सां गं नि रें गं रें नि ध ध नि ध म ग सा ग म ग सा नि सा ग 12 सा ध नि रें| नि रें गं 1/4 सां नि नि ध 'ध प म म ग रे रे यहां से स्थाई जोड़ दीजिये। वारह स्वर की भैरवी की तानें अब इसी गति के लिये बारह स्वरों की तानें लिखते हैं। प्रत्येक तान सोलह मात्रा की है और प्रत्येक तान क्रम से पध, नि, सा, रे, ग, म, प, ध, नि, सां, रेंग और म से प्रारंभ होकर रे सा पर समाप्त होगी। पहिले दोनों रे म (कोमल व तीव्र) की ताने देखिये:- पृ ५ सा रे ग प ध नि प धु म मग रे सा प ५ सा रे ग प गु नि धु प म मग सा ५ प ध सा | रे ग प नि her ग रे सा