पृष्ठ:सितार-मालिका.pdf/२०९

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१७८ सितार मालिका तानें- १-रे म ग रे सा, रे म प ध म ग रे सा, रे म प ध नि ध प म गऽ रे सा, रे म प ध सां नि ध प म ग ऽ रे सा, रे पऽ म ग रे सा, रे म ग ऽ रे सा, रे सा नि ऽध सा ऽ नि रेऽ सा। २-रे म गऽ रे सा, रेप ऽ म ग रे सा, प ध नि ऽ ध प, म ध प म प ध सां रें सां नि घऽप, रे में गं ऽरें सां नि ध 5 प, ध प म ग ऽ रे सा, रेप ऽ म ग रे सा, रे म ग ऽ रे सा । ग ऽ रे सा, रे ऽ सा नि, नि ध सा ऽ नि रे ऽ सा । ३-सा रे, रे म, म प, पध, ध सां, नि रेंऽ सां, सा रे रे, रे म म, म प प, प ध ध ध सां सां, नि रेंऽ सां, सा रे म रे, रे म प म, म प ध प, प ध सां नि, धरेंऽ सां, गंरें सां, रें 5 सां नि, सांऽ नि ध, नि ऽध प, ध ऽप म, पऽ म ग रे सा, रे म गऽ रे सा । गऽरे सा, रे ऽ सा नि, ध सा 5, नि रे ऽ सा । १०-गुणक्री इस राग में गान्धार-निषाद वर्जित हैं। ऋषभ, धैवत कोमल तथा मध्यम शुद्ध है । जाति औडव-औडव है। वादी धैवत व संवादी ऋषभ है । संक्षेप में दुर्गा के स्वरों में रेध कोमल करके गाने से इसकी रचना होती है । आरोही सा रे म प ध सां और अवरोही सां ध प म रे सा । पकड़:-म प ध प, म रे, सा है । गान समय दिन का प्रथम प्रहर है । यह एक सरल किन्तु अप्रचलित राग है। अलाप-- साध, सा, रे, साधु, पध सा, ५ रे सा, रेध सा, रे म रे, धु, प ध सा, मs म रे, सा रे म रे, ध सा रे मरे, ध प ध सा रे म रे, मरे, रे सा। सारे मs, रेम, म प, प म प, रे म प, रे म रेप, म परे म प, सा रे, रे म, म प, रे म प ध, धुप, म धुऽ प, ध म परे म प ध ऽ प, म रे साधु ऽ प, ध ऽ प, ध म प म रे रे सा, 45 सा। म ऽ प ध सां, ५ सां, पध सां, रे म प ध सां, सा रे, रे म, म प, प धु, ५ सां. ध रे सां, रें मंऽ र रे सां, ध प, ध र सां, ध प, प ध म प ध सां, सांध प म प ध प म रे, सारे म पधऽध प, मध प, म प म रे, सा, ध ध सा । तानें--- १-सा रे म म रे सा ध सा, सा रे म प म म रे सा ५ सा, सा रे म प ध ध प म रे म प म रे साध सा, सा रे म पधु सांधु प म प ध प म रे सा सा, सा रे म प ध सां रें सां ध प म रे म प म रे सा ॥ सा । २-म म रे, म म रे, म म रे सा, प प म, प प म, म म रे, म म रे, म म सा, धधु प, ध ध प, प प म, प प म, म म रे, म म रे, म म रे सा. सां सां धु, सां सां ध, धुध प, ध ध प, प प म, प प म, म म रे, म म रे, म मरे सा, रे रे सां, ध प म प, सां सां ध प म रे म, ध ध प म रे सा रे, प प म रे सा ॥ सा ।