पृष्ठ:सितार-मालिका.pdf/३६

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तृतीय अध्याय तार पर जोर से पड़ती है। अतः यदि आप भी जोरदार मिज़राब लगाने का अभ्यास करें तो आपके सितार का नाद भी बड़ा ही निकलेगा। किन्तु, जोर की मिज़राब मारते समय इस बात को न भूल जायें कि मिजराब केवल उसी तार को छए जिस पर कि आप प्रहार करना चाहते हैं अन्यथा अन्य तारों को झनकार से बाज के तार की आवाज दब जायेगी और मिठास नष्ट हो जायेगा। जब आपका जोर से मिजराब लगाने का अभ्यास हो जायगा तो आप भी यह भूल जायेंगे कि 'हम ज़ोर से मिजराब मारते भी हैं या नहीं। फिर आप यही कहने लगेंगे कि हमारे हाथ से सितार बजता ही ऐसा है। यही मिठास का तीसरा गुप्त रहस्य है।