पृष्ठ:सितार-मालिका.pdf/५३

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३२ सितार मालिका पर चलाया जाता है। उदाहरण के लिये आप एक बोल 'धिनाना' ले लीजिये। यह सितार में 'दा ड़ा दा' जैसा बजेगा। इसमें पहिले 'दा' पर, जिस पर 'धि' शब्द रखना है मिज़राब का आघात कुछ जोर से होगा। अब इसी बोल को भिन्न-भिन्न स्वरों पर भिन्न-भिन्न रूपों से बजाइये। भिन्न-भिन्न रूपों से मेरा आशय यह है कि कभी 'धिनाना धिनाना' बजाइये तो कभी 'धिनाना धिनाना धिना'। कभी धिना धिना धिना नाना' तो कभी 'धिनानानानाना विना धिना'। इसी प्रकार इच्छानुसार कितनी ही बार धिना ले सकते हैं और कितनी ही बार 'ना'। बस इस बात की ओर ध्यान रखना चाहिये कि 'धि' और 'ना' का जो भी मेल बनायें, सुन्दर होना चाहिये और जिस आघात पर 'धि' बोल रखना हो वहां मिज़राब तनिक जोर से पड़े। फिर एक ही बोल थोड़ी देर तक बजता रहना चाहिये। थोड़ी देर बजाने के बाद ही उसे बदलना चाहिये। उदाहरण के लिये आपने पहिले धिनानाना बजाया तो इसे ही १०-१२ बार बजाइये । १०-१२ बार बजाने के बाद ही इसमें कुछ परिवर्तन करिये। मान लीजिये कि आपने इसे धिना धिनानाना कर दिया तो अब इसे भी कम से कम १०-१२ बार बजा कर ही अगली मिज़राब बदलिये । इसी प्रकार प्रत्येक मिजराब को थोड़ी देर बजा कर बदलना चाहिये । दूसरा बोल उदाहरण के लिये 'बिटकतान' ले लीजिये। यह 'दिड दहाड़' जैसा बजेगा । अब कभी एक बार धिट वजाइये और कभी दो या तीन बार । 'कतान' एक ही बार बजाते रहिये। जैसे 'धिट धिट कतान' या 'धिट धिट धिट कतान'। इन्हें ही भिन्न-भिन्न परदों पर बजाते रहने से और साथ में कहीं-कहीं मींड और गमक का भी प्रयोग करते रहने से तोम् नोम् के अलाप जैसा ही आनंद आता है। चूंकि मींड के लिये कुछ अधिक काल की आवश्यकता होती है, अतः इन मिजराबों में जहां भी 'आ' की मात्रा आये, आप उसे और अधिक लम्बा कर लीजिये । उदाहरण के लिये 'धिटकतान' में 'ता' को बढ़ा कर 'धिटकताऽन' या 'घिटकताऽऽन' चाहे जितना लम्बा कर सकते हैं और इस बढ़े हुए ऽऽन में मींड का प्रयोग कर सकते हैं। आप देखेंगे कि जो मॉड गायन में रेता न ना ऽर' में 'नाऽर' पर आती है, वैसी ही मींड का आनंद आपको 'कताऽन में आयेगा। इस प्रकार की मींड के लिये किसी भी बोल को बदला जा सकता है। नोम् तोम् के अलाप के लिये कुछ मिज़राबों के स्वरूप- अब नोम् तोम् के लिये कुछ मिज़राबों के नमूने लिखे जाते हैं जिन्हें आप इच्छा- नुसार अनेक सुन्दर रूप दे सकते हैं। (१) धिन धिनाना- अब इसके स्वरूप देखिये 'धिन धिना नाना; 'धिन धिन धिनानाना'; 'धिन धिन धिन धिना नाना नाना'; 'धिन धिन धिन धिन धिनानाना' इस प्रकार चाहे जितनी बार धिन लेकर और चाहे जितनी बार 'ना' जोड़ कर इसके स्वरूप बना लीजिये। (२) अब इसी धिन में 'डा और जोड़ दीजिये। 'डा' 'दा' की भांति बजेगा। अब इसके जो रूप बनेंगे उनमें से कुछ यह भी होंगेः-'धिनडा धिनडा धिनडा धिनानाना';