पृष्ठ:सितार-मालिका.pdf/५५

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सितार मालिका बोल 'तक धिलांग' 'तक तक धिलांग' 'तक तक तक धिलांग' मिजराब 'दिड़ दिहाड़' 'दिड़ दिड़ दिड़ाई' 'दिड़ दिड दिड़ दिहाड़' यदि इसी में तकिट (वाड़ा) का भी मेल कर दें तो और भी अनेक रूप बन सकेंगे। जैसे:- बोल 'तक तकिट धिलांग' 'तक तक तकिट धिलांग' मिजराब । 'दिड दाड़ा दिहाड़' 'दिड दिड दाड़ा दिडाड़' इसी प्रकार आप चाहे जितने मेल इन्हें उलट-पलट कर बना सकते हैं। अब कुछ मिजराब 'द्रा' बोल की भी देखिये। इसके लिये विद्वानों ने 'ध्रिग' बोल को पकड़ा जो 'द्रा' की प्रकार बजेगा । इसके साथ 'द्दार' बोल को मिलाने के लिये उच्चारण की सरलता को ध्यान में रख कर 'धाधान्' को चुना । अब इनके मेल से जो मिजरा बनी उन्हें भी देखिये:- बोल (ध्रिग धाधात मिजराब द्रा दादार कभी इसमें से एक धा कम कर दिया, जैसे ध्रिग धात् 'ध्रिग धाधात्- द्रा दार अब इन दोनों के अनेक प्रकार से मिश्रण कर दिये जैसे:- बोल 'धिंग धाधात् ध्रिगधात्' या या मिजराव द्रा दादार द्रादार' द्रा दादार- बोल 'ध्रिगधात निगधात' 'ध्रिग धाधात' को दो बार ले लिया या मिजराब 'द्रादार द्रादार' जैसे 'ध्रिग धाधात् ध्रिग धाधात् ध्रिग धात्' द्रा दाड़ दवाड़ द्रा दाड़ इसी प्रकार आप भी इसके चाहे जितने मेल बना सकते हैं। अब यदि इसे तक (दिर) से भी मिला दें तो और भी अनेक सुन्दर रूप बन सकेंगे जैसे: 'तक ध्रिग धा धात् 'तक तक ध्रिग धा धात या दिर द्रा दार दिर दिर द्रा दार 'तक तक तक धिंग धा धान् दिर दिर दिर द्रा द दार या