पृष्ठ:सितार-मालिका.pdf/५७

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सितार मालिका विद्वान 'दिर दिर' (धुमकिट) बोल को अब तक के आये हुए तक (दिर), तकिट ( द्दारा), धा (दा), ध्रिग (द्रा ), धिना (दिरा) आदि बोलों से चाहे जिस प्रकार मिलाकर नई-नई मिजराज बजाया करते हैं। देखिये-इनसे कैसी कैसी सुन्दर मिजरावें बनती हैं। जैसे 'धुमकिट तक' यहां तक' के 'त' पर प्रहार तनिक जोर से होगा। 'तक' पहिले लेकर 'तक तक तक धुमकिट तक' 'तक तक धुमकिट तक' 'तक धुमकिट तक' । अब इसमें तकिट भी मिलाया। जैसे 'तक धुमकिट तक तकिट तकिट तक' मा तक धुमकिट तक तकिट तकिट' या 'तक धुमकिट तकतकिट' या इन्हें दो दो बार लेकर, जैसे 'धुमकिट धुमकिट तकिट तकिट' या 'धुमकिट धुमकिट तकिट' या 'धुमकिट तकिट'। अब 'तकिट' को पहिले ले लिया, जैसे 'तकिट तकिट तकिट धुमकिट' या 'तकिट तकिट धुमकिट' या 'तकिट धुमकिट' । अब 'ध्रिग धा धात्' को भी इसी में मिला दिया । जैसे 'ध्रिग धाधात् धुमकिट तक' या 'धिंगधाधात घुमकिट' या 'धिगधाधात् धा' या 'धाधा ध्रिग तक धुमकिट तक' या 'धाधा ध्रिग धुमकिट तक' या 'धाधा ध्रिग धुमकिट' या केवल 'धाधा धिंग। अब इसी में धिना (दिड़ा) भी जोड़ दिया । जैसे:-'धिना धिना तक धुमकिट तक' या धिना धिना धुमकिट तक' या 'धिना विना धुमकिट' या 'धिना धुमकिट' या 'तक धुमकिट तक धिना धिना' या 'धुमकिट तक धिना धिना' या 'धुमकिट धिना धिना' या 'धुमकिट धुमकिट तक धुमकिट तक' या 'धुमकिट तक धुमकिट तक' या 'धाधा तक धुमकिट तक' या 'तक धुमकिट तक' या 'तक धुमकिट तक धुमकिट' या तक धुमकिट तक धाधा' । इसी प्रकार चाहे जितने मेल बना सकते हैं। अब इन्हीं मेलों में 'तकिट' भी जोड़ दिया, जैसे 'तक तक तकिट तकिट धाधाधा' या 'तक तकतकिट तकिट धाधा' या तक तक तकिट तकिट धा' या 'तक तकिट तकिट धा', या 'तक तकिट धा' आदि । इस प्रकार चाहे जितने रूप बनाते चले जाइये। आप जिस प्रकार मन में बोल बोलें, मिजराब भी उसी वजन से तार पर पड़ती रहे। इन सब को लिखने से दो लाभ हैं। प्रथम यह कि आपको मिजराबों के स्वरूप नोम् तोम् के आधार से याद हो जायेंगे | और द्वितीय, आप यह समझने लगगे कि सितार में प्रायः तबला ही बजाया जाता है। मेरा उद्देश्य केवल यही है कि आप उत्तम सितार बजाने के लिये केवल तबला ही याद करें। सितार के लिये किस प्रकार का तबला याद करना चाहिये, यह आपको इसी पुस्तक के आगे के अध्यायों में मिलेगा। आशा है इन मिजराबों के आधार से सितार वादक अपने श्रोताओं को ऊबने नहीं देंगे। बल्कि जैसे ही मिजराब बदलेगी उनसे वाहवाही लेंगे। यही अलाप सितार में नोम तोम् का अलाप कहाता है ।