पृष्ठ:सिद्धांत और अध्ययन.djvu/२९०

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२५० सिद्धान्त और अध्ययन तक ही सीमित है, इसलिए क्रोचे कलाकार की स्वयंप्रकाशजन्य अभिव्यक्ति की प्रान्तरिक स्वतन्त्रता को बाह्य कृतियों (Works . of Art) पर लागू नहीं करता । वाह्य प्रत्यक्षीकरण (Exterialization) नीति और उपयोगिता के शासन में आजाता है :--- 'But it would be erroneous to maintain that this independence of the vision or intuition or internal expression of the urtist should be att once extended te) the practical activity of externalization and of communi- ceution, which may or may not follow the anesthetic fact. If art be understood as the externalization of art, then utility and morality have a perfact right to deal with it ; that is to say, the right one possesses to deal with one's own household.' -Croce (Aesthetic---Technique and the Art, Pilge 191 and 192) .' इस उद्धरण को देखते हुए हम यह नहीं कह सकते कि कोचे नीति और उपयोगिता की नितान्त उपेक्षा करता है। ___ क्रोचे तो कला के साथ उपयोगिता का भी समन्वय मानता है। उपयोगिता ही सौन्दर्य का रूप धारण कर लेती है । जो पोशाक मनुष्य की परिस्थिति और आवश्यकताओं के अनुकूल होगी वहीं सुन्दर कही जायगी :- ___ 'A garment is only beautiful because it is quite suitable to a given person in given condition.' -Croce (Aesthetic.-Nature and Art, IPage 167) 'कला कला के लिए है'---इस सिद्धान्त का जन्म फ्रांस में हुआ है। इसके कई रूप हैं, कुछ अच्छे और कुछ बुरे किन्तु कला को निरपेक्षता का मूल सूत्र व्यापक रूप से दिखाई देता है। कलावादी प्रायः नीति कलावाद की व्याख्या की उपेक्षा करते हैं, वे काव्य का जीवन से कोई सम्बन्ध . और अन्य मत नहीं स्वीकार करते और कला को विधि-निषेध के प्रपञ्च से परे मानते हैं । उनके विचार का सार यह है.-...प्रत्येक वस्तु का क्षेत्र अलग है और अपने क्षेत्र में उसे पूर्ण स्वराज्य (Autonomy) प्राप्त है । विज्ञान में हम सत्य की खोज करते हैं और उस सत्य की खोज में कभी-कभी जैसे मुर्दे चीरते समय बड़ी वीभत्सता का भी सामना करना पड़ता