पृष्ठ:सोमनाथ.djvu/१९०

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अनिर्वचनीय सुख से अभिभूत होकर वे गंग के चरणों में झुक गए। चौला अर्द्धमूर्छित हो पृथ्वी पर वहीं देव-सान्निध्य में गिर गई।