पृष्ठ:सोमनाथ.djvu/३१०

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उसकी रकाब के साथ है।" अमीर लौटा, पर तुरन्त ही घूमकर उसने कहा, “एक औरत आपकी खिदमत में थी..." “जी, थी, लेकिन आपके पधारने के पहले आपका एक तरुण सेनापति उसे लेकर कहीं चला गया?" “कहीं चला गया?" अमीर की त्यौरियों में बल पड़ गए। उसने आप ही आप भुनभुना कर कहा, “फतह मुहम्मद कहाँ गया?” फिर अब्बास से कहा, कि 500 सवारों के दस्ते के साथ मलिका के हमराह रहे और जल्द कुछ हिन्दू लौंडियों का इन्तज़ाम कर दे, और मलिका का हर हुक्म तुरन्त बजा लाया जाए।" अमीर महमूद चला गया। उसकी तलवार वहीं पड़ी रही।