पृष्ठ:सोमनाथ.djvu/६३

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क्षत्रिय ही इस काल में सर्वेसर्वा थे।और इस प्रकार भारत उन दिनों विदेशी आक्रान्ताओं के लिए 'बिना द्वार का दुर्ग' बना हुआ था।