यह पृष्ठ प्रमाणित है।
प्रथम अंक
निश्चित है। किसी दूसरे सैनिक को भेजिये। मुझे युवराज के साथ जाने की अनुमति हो।
स्कंद॰--नहीं चक्र, तुम विजयी होकर मुझसे मालव में मिलो। ध्यान रखना होगा कि राजधानी से अभी कोई सहायता नहीं मिलती। हम लोगों को इस आसन्न विपद में अपना ही भरोसा है।
पर्ण॰--कुछ चिंता नहीं युवराज! भगवान सब मंगल करेंगे। चलिये, विश्राम करें।
९