पृष्ठ:स्कंदगुप्त.pdf/१८८

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स्वर-लिपि
 

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स्वर-लिपि (पृष्ठ ६७ ) मालकोस–तीन ताल ( यह गान नेपथ्य से गाया जायगा ) स्थायी ६) ६) मग धुम तिग | य ग म स | नि स ध नि Sऽ लऽ नाS ऽऽ, | ब में 5 प्र | ले य की 5 | स म ।

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