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हमारी प्रकाशित कुछ पुस्तके

मंदिर-प्रवेश

[रचयिता-श्रीवियोगी हरि ]

पुस्तक दलितोद्धार पर लिखी गई है। अछूत द्वारा की गई प्रकार और प्रभु के उद्धार के पद पढ़ते ही बनते है। पुस्तक का मूल्य केवल ।) है।

जीवन-युद्ध
[ लेखक-प्रोफ़ेसर देवकीनंदन 'विभव']

संसार में नित्य-प्रति देखने में आता है कि कोई थोड़े परिश्रम के करने से सफल होता है, तो कोई कठिन -से -कठिन परिश्रम करते हुए भी कृतकार्य नहीं होता। प्रत्येक प्राणी का जीवन उसके लिये एक युद्ध-सा होता है। इस युद्ध में किस ढंग पर मोचा लेने से कृतकार्य हो सकते हैं, इस पुस्तक में इसी का विवेचन बड़ी ही ओजपूर्ण और सरल भाषा में किया गया है । साथ ही संसार के आदर्श पुरुषों के वचन और जीवन-घटनाओं के उदाहरण भी दिए गए हैं, जिससे पाठक दिपय को बड़ी सरलता में समझ सकते हैं । प्रत्येक नवयुवक और नवयुवतियों को इस पुस्तक की एक-एक प्रति अवश्य मँगाकर पढ़नी चाहिए। सी० पी० प्रान्त के दिक्षा- विभाग ने अपने सभी स्कूलमें ईनाम और पुस्तकालय के लिये इसे स्वीकृत भी कर लिया है । मूल्य केवल १)।