पृष्ठ:हड़ताल.djvu/१२१

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ प्रमाणित है।
अङ्क २]
[दृश्य १
हड़ताल

एनिड

जब उन्हें इतना कष्ट है, तो इसके सिवा और कर ही क्या सकते हैं।

[बदली हुई आवाज़ में]

लेकिन रॉबर्ट को तुम्हारा तो ख़्याल करना ही चाहिए। डेगची खौल गई है; चाय बना दूँ?

[चायदानी उठाती है और उस में चाय पाकर पानी डाल देती है]

तुम भी तो एक प्याला लो।

मिसेज़ रॉबर्ट

नहीं बीबी, मुझे क्षमा करो।

[कोई आवाज़ सुन रही है जैसे किसी की आहट हो]

मैं चाहती हूँ कि रॉबर्ट से आप की भेंट न हो।

[वह आपे से बाहर हो जाते हैं।]

एनिड

लेकिन मैं तो बिना मिले न जाऊँगी, ऐनी। मैं बिलकुल शांत रहूँगी वादा करती हूँ।

११२