पृष्ठ:हड़ताल.djvu/१३०

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अङ्क २]
[दृश्य १
हड़ताल

रॉबर्ट

क्या मिस्टर ऐंथ्वनी ग़रीब स्त्रियों और बच्चों की गरदन पर छुरी चलाना वीरता समझते हैं? मैं समझता हूँ मिस्टर ऐंथ्वनी धनी आदमी हैं। क्या वह उन लोगों से लड़ने में अपनी बहादुरी समझते हैं जो दाने दाने को मुहताज हैं? क्या वे इसे बहादुरी समझते हैं कि बच्चों को दुःख से रुलाया जाय और औरतें सर्दी के मारे ठिठुरें।

एनिड

[अपना हाथ उठा कर मानो कोई वार बचा रही है]

मेरे पिता जी अपने सिद्धान्त पर चल रहे हैं। और आप इसे जानते हैं।

रॉबर्ट

मैं भी वही कर रहा हूँ।

एनिड

आप हमें शत्रु समझते हैं, और अपनी हार मानते

आप की कोर दबती है।

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