पृष्ठ:हड़ताल.djvu/१४४

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अङ्क २]
[दृश्य १
हड़ताल

मेरी बात सुनती हो?

[दोनों साँय-साँय जल्द जल्द बातें करते हैं]

मैज

हाँ सुनती हूँ। जाव और हिम्मत हो, तो अपनी माँ को मार डालो।

[राउस उस की दोनों बाहें पकड़ लेता है वह सिर को पीछे किए हुए स्थिर खड़ी रहती है। वह उसे छोड़ देता है और चुपचाप खड़ा हो जाता है।]

राउस

मैंने रॉबर्ट का साथ देने की क़सम खाई है। तुम चाहती हो, कि मैं अपने क़ौल से फिर जाऊँ।

मैज

[मन्द स्वर में उस की हँसी उड़ाकर]

खूब प्रेम करते हो।

राउस

मेरी बात सुनो, मैज!

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