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अङ्क २]
[दृश्य २
हड़ताल


मेल ने उन्हें इतना बलवान बना दिया है। विश्वास मानों, सब कुछ सह चुका हूँ। मेरी आत्मा पर अब तक उस की निशानी बनी हुई है। तुम पर जो कुछ पड़ी है वह मैं सब जानता हूँ। लेकिन पूरा एक टुकड़े से बड़ा होता है, और तुम केवल एक टुकड़ा हो। अगर तुम हमारा साथ दोगे तो हम भी तुम्हारा साथ देंगे।

[अपनी आँखों से उन की टोलियों का अनुमान कर के वह कान लगाए खड़ा रहता है। आदमियों में और ठाँय ठाँय होने लगती है। उन की छोटी छोटी टोलियाँ बन जाती हैं। ग्रीन, बलजिन और लुइस बातें करते हैं।]

लुइस

यूनियन का यह आदमी बहुत सोच समझकर बातें करता है।

ग्रीन

[धीरे से]

हा! अगर किसी ने मेरी बातों पर कान दिया होता तो मैं गत दो महीनों से यही कहता चला आता हूँ।

[मल्लाह हँसते दिखाई देते हैं]

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