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अङ्क २]
[दृश्य २
हड़ताल


झुकाने में किशी का भी अपमान नहीं हो शकता। क्योंकि पिरकिरती बहुत बड़ी चीज़ है, आदमी की इश के शामने कोई गिन्ती नहीं। मैं ने जितना जमाना देखा है, उतना यहाँ और किशी ने न देखा होगा। मेरी बात मानो, पिरकिरती से लड़ना बहुत बुरी बात है। दूशरों को कष्ट में डालना बुरी बात है जब इश शे किशी का कोई उपकार न हो।

[कोई हँसता है। टॉमस झल्लाकर बोलता है]

तुम हँश किश बात पर रहे हो? मैं कहता हूँ यह बुरी बात है। हम एक शिद्धान्त के लिये लड़ रहे हैं। किशी को यहाँ यह कहने का शाहश नहीं हो शकता कि मैं शिद्धान्त का भक्त नहीं हूँ। लेकिन जब पिरकिरती कहती है 'बश, इशके आगे क़दम मत उठाओ' तो कान में तेल डालकर बैठना अच्छी बात नहीं।

[रॉबर्ट हँस पड़ता है। कुछ लोग धीमे स्वर में उस का समर्थन करते हैं]

इश पिरकिरती का रुख देख कर चलना चाहिए। आदमी का धरम है कि वह शच्चा, ईमानदार और दयालु बने। धरम तुम्हें यही उपदेश देता है।

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