पृष्ठ:हड़ताल.djvu/१६५

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ प्रमाणित है।
अङ्क २]
[दृश्य २
हड़ताल

लोहार

यही तो हम लोग कर रहे हैं, या कुछ और?

टॉमस

[और जोश में आकर]

मुझे शिखाया गया था कि अपने पैरों पर खड़े हो। मुझे शिखाया गया था कि अगर तुम्हारे पाश कोई चीज़ खरीदने के लिये पैशे नहीं हैं तो उधर आँख उठा कर मत देखो। दूशरों के धन पर मौज करना कोई अच्छी बात नहीं। हम शच्ची लड़ाई लड़े, और अगर हार गए तो इश में हमारा कोई दोष नहीं। हमें यह अख़तियार दे दो कि हम लंदन से अपने बूते पर शमझौता कर लें। अगर इश में शफल न हों तो हमें चाहिये कि अपनी हार मरदों की तरह शहें, यह नहीं कि कुत्तों की मौत मरें, या दूसरे की दुम के पीछे लगे रहें कि वे हमारा उद्धार कर देंगे!

इवैन्स

[दबी आवाज़ से]

यह कौन चाहता है?

१५६