पृष्ठ:हड़ताल.djvu/१७०

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अङ्क २]
[दृश्य २
हड़ताल

[वह मंच से उतर जाता है। जागो मंच की ओर जाता है। "उसे मत जाने दो" की आवाजें सुनाई देती हैं।

जागो

उसे मत जाने दो? कहते शर्म भी नहीं आती।

[वह मंच पर चढ़ जाता है]

मुझे तुम लोगों से बहुत कुछ नहीं कहना है। इस मामले को सीधे सादे ढंग से देखो, इतनी दूर तो तुम मज़े से चले आए, अब तुम सफ़र से मुँह मोड़ रहे हो। क्या यह भलमंसी है? अब हम सब एक नाव में थे। अब तुम दो नावों पर बैठना चाहते हो। हम इंजिनियरों ने अब तक तुम्हारा साथ दिया। अब तुम हमें दग़ा दे रहे हो। अगर हमें यह पहलेसे मालूम होता तो हम तुम्हारे साथ चलते ही क्यों? बस मुझे इतना ही कहना है। बूढ़े टॉमस ने बैबल की दुहाई दी है, पर बैबल का आशय ठीक नहीं समझा। अगर तुम लंदन या हारनेस की शरण जाते हो तो इस का यह आशय है कि तुम अपनी चमड़ी बचाने के लिये हमें गच्चा दे रहे हो-मगर तुम धोखा खावोगे भाइयो, यह भले आदमियों का काम नहीं है।

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