पृष्ठ:हड़ताल.djvu/२०४

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ प्रमाणित है।
अङ्क ३]
[दृश्य १
हड़ताल

एनिड

[मिन्नत करके]

हरे टैड, जीवन से उन का यही एक संबंध रह गया है। यह उन के प्राण ही लेकर छोड़ेगा।

एडगार

[उद्गार को रोककर]

हाँ, है तो ऐसा ही।

एनिड

बचन दो।

एडगार

मुझसे जो कुछ हो सकेगा करूँगा।

[वह दुहरे दरवाजों की ओर घूमता है]

[पर्देदार दरवाजा खुलता है, और ऐंथ्वनी अन्दर आता है। एडगार दुहरे दरवाजों को खोलकर चला जाता है।]

[स्केंटलबरी की धीमी आवाज़ यह कहते हुए सुनाई देती है "पाँच बज गए। यह झगड़ा खतम न होगा। हमें उस होटल में फिर भोजन करना पड़ेगा।" दरवाज़े बन्द हो जाते हैं ऐंथ्वनी आगे बढ़ता है।]

१९५