पृष्ठ:हड़ताल.djvu/२२१

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अङ्क ३]
[दृश्य १
हड़ताल

मैज

[अपने क्रोध को दबाकर]

मैंने समझा शायद आप जानना चाहती हैं।

एनिड

[उत्तेजित होकर]

तुम मुझपर अन्याय कर रही हो। क्या तुम देखती नहीं हो कि मैं तुम लोगों की मदद करनी चाहती हूँ?

मैज

जब तक मुझे कोई नहीं सताता, मैं उसे नहीं सताती।

एनिड

[रूखेपन से]

मैंने तुम्हारे साथ क्या बुराई की है? तुम मुझसे इस तरह क्यों बोल रही हो?

२१२