पृष्ठ:हड़ताल.djvu/२२७

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अङ्क ३]
[दृश्य १
हड़ताल

एडगार

कहता था दादा इतने बुड्ढे और दुर्बल हो गए हैं कि उन्हें कुछ सूझता ही नहीं। दादा अभी उसके जैसे छः आदमियों के बराबर हैं।

एनिड

और क्या।

[दोनों ऐंथ्वनी की ओर देखते हैं]

[दरवाज़े खुल जाते हैं। वेंकलिन स्केंटलबरी के साथ आता है।]

स्केंटिलबरी

[एक स्वर में]

मुझे यह बात पसन्द नहीं है।

वेंकलिन

[आगे बढ़कर]

प्रधान जी, वाइल्डर ने आपसे माफ़ी मांगी है। कोई आदमी इसके सिवा और क्या कर सकता है?

[वाइल्डर, जिसके पीछे-पीछे टेंच है, अन्दर आता है और ऐंथ्वनी के पास जाता है।]

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