पृष्ठ:हड़ताल.djvu/२३०

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अङ्क ३]
[दृश्य १
हड़ताल

वेंकलिन

यह तो होगा ही।

ऐंथ्वनी

बनाने दो।

वाइल्डर

तो हम अपनी जगह पर रह चुके।

वेंकलिन

[ऐंथ्वनी से]

मुझे उसी नीति के लिए बलिदान हो जाने में कोई भय नहीं है जिस पर मुझे विश्वास हो। लेकिन किसी दूसरे के सिद्धान्तों के लिए जलना मुझे मंज़ूर नहीं।

स्केंटिलबरी

बात तो सच्ची है, प्रधान जी, आपको इसकी फ़िक्र करनी चाहिए।

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