पृष्ठ:हड़ताल.djvu/२४७

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अङ्क ३]
[दृश्य १
हड़ताल


और अविचार से भरा हुआ है। और मैं इसके सिवा और कुछ न कहूँगा कि मुझे इससे कष्ट हुआ है—

[वह अपना हाथ अपने प्रस्ताव पत्र के बीच में रखता है]

एडगार

[दुराग्रह से]

मैं एक शब्द भी वापस न लूंगा।

[वह कुछ और कहने जा रहा है लेकिन स्केंटिलबरी फिर कानों पर हाथ रख लेता है। सहसा टेंच याददाश्त के रजिस्टर को उठाकर घुमाने लगता है। फिर सबको यह ज्ञान हो जाता है कि हम कोई अस्वाभाविक काम कर रहे हैं और सब एक-एक करके बैठ जाते हैं। केवल एडगार खड़ा रहता है]

वाइल्डर

[इस भाव से मानो कोई आक्षेप मिटाने की चेष्टा कर रहा है]

मैं मिस्टर एडगार ऐंथ्वनी की बातों की परवा नहीं करता। पुलीस की जूरी! यह विचार ही लचर है। मैं

प्रधान जी के प्रस्ताव में यह संशोधन करना चाहता हूँ कि

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