पृष्ठ:हड़ताल.djvu/२६१

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अङ्क ३]
[दृश्य १
हड़ताल

[हार्निस के हाथ में कागज़ का एक टुकड़ा है वह डाइरेक्टरों को सलाम करता है मज़दूरों की तरफ देखकर सिर हिलाता है और कमरे के बीच में छोटी मेज़ के पीछे खड़ा हो जाता।]

हार्निस

सज्जनो!

[सब को सलाम करता है]

[टेंच उस कागज़ को लिए जिस पर वह लिख रहा है, आ जाता है और सब धीमे स्वरों में बातें करने लगते हैं]

वाइल्डर

हम तुम्हारी राह देख रहे थे, हार्निस। आशा है, कि हम कुछ तय—

फ्रॉस्ट

[बड़े कमरे से आकर]

रॉबर्ट आए हैं।

[वह चला जाता है]

[रॉबर्ट जल्दी से अन्दर आता है और ऐश्वनी की ओर ताकता हुश्रा खड़ा हो जाता है। उसका चेहरा

उदास और मुआया हुआ है]

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