पृष्ठ:हस्तलिखित हिंदी पुस्तकों का संक्षिप्त विवरण.pdf/१०५

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[ ७२ ] धीरसिंह-ये कोई महाराज थे, इनके विषय में और कुछ भी ज्ञात नहीं। अलकार मुक्तावली दे० (च-३५) ध्यानदास-इनके विषय में कुछ भी शान नहीं, स्यात् नम्बर (ग-१०७) और ये पक ही हो; ये साधु चरणदास थे। दे० (0-६) । दोनतीना दे० (६-१६० ए) मानशीला दे० (छ-१६० घो) दरिषद सत दे० (ख-१०७) ध्यान मंजरी...बालपण नायक शन; नि०या०। सं० १७२६ लि० का० सं० १८७५; वि० सीता राम का वर्णन । दे० (छ-प.) ध्यान मंजरी--अन्य नाम राम ध्यान मजरी; स्वामी श्रमदास कुत, लि० का० सं० १६५१, वि० श्री राम-स्तुति वर्णन । दे० (क-७) (छ-१२१ ए) ध्रुवचरित्र-~~-गोपाल (जनगोपाल) कृत; लि० का० सं० १८३६, वि० ध्रुव का चरित्र वर्णन । दे० (छ-१७५) (क-२५) ध्रुवचरित्र-जन -जन जगदेव कन, वि० ध्रुव चरित्र- वर्णन । दे० (छ-२७२) ध्रुवचरित्र-परमानंद कृत; नि० का० स० १६-६, लि० का० सं० १७६९; वि० ध्रुव-चरित्र-वर्णन । दे० (छ-२०३) ध्रुवदास--स्वामी हित हरिवंश के शिष्य, सं० १६८६ के लगभग वर्तमान, ये एक प्रसिद्ध कवि हुए हैं जिन्होंने बहुत से ग्रन्थ लिखे हैं. उप० हित ध्रुवदास था। दामन सत दे० (क-=) (ज-७३सी) टंगार सत दे० (क-8) (छ-१५४ ई) (ज-७३ एस) रम गनायी दे० (क-२०) (ज-७३ क्यू) नेह मगरी दे० (क-११) (ज-७३ पम) रस ममरी दे० (क-२) (ज-७३ दी) पुरा मंगरी दे० (क-३ एक) (ज-७३) रति मनमो दे० (4-१३ दो) (-७३ एल)। मन विदार दे० (क-३ नीन)(ज-जेड) गरि दे० (क-२३ चार)(ज-एस) स विहार दे० (फ-१३ पाँच) (-५६) (ज ७३ वाई) मानं ददशा विनोद दे० (फ-१३ छ) (ज-७३ सी) गंग विनोद दे० (क-१३ सात) (ज-७३ यू) न विलास दे० (क-१३ भाठ) (ज७३ बी) रंग लास दे० (फ-६३ नी) (ज-७३ क) समामंगल गार दे० (ग-२६४) (म०१६८६) मानरम पीना दे० (क-१३ दूस) रहस्यनीना ० (क-३ ग्यारद) (ज-ई) पेमजता दे० (फ-३ वारह) (ज-एफ) मेमावली दे० (क-१३ तेगल) (ज-७३ थी) मगनपुंसोदे० (फ-१३ चौदह)(ज-७३ यू) रावन दृइत पुराण को मापा दे० (क-१४) (ज-७३ एच) भक्त नामावली दे० (क-१५) (ज-७३ जी) मन टेगार दे० (क-१६) भजनसद दे० (क-१७) (ज-१५६ एफ) (ज-७३ भार) मन शिक्षा दे० (क-१८) (ज-७३ ई) प्रीति चौवनी दे० (क-१६) (ज-७३ जे) रस मुक्तावली दे० (क-२०) (छ-१५६ बी) (ज-७३ ओ)