पृष्ठ:हस्तलिखित हिंदी पुस्तकों का संक्षिप्त विवरण.pdf/१०९

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1 ७६ नवलगम-रामचरण जी के शिष्य, रामसनेही | रहस्य जानी दे० (छ-७६ पार) संप्रदाय के अनुयायी। अध्यात्म रामायण दे० (छ-७६ पस) नवल सागर दे० (स्त्र-६४) रूपक रामायण दे० (छ-हटी) नवलसागर-जवलराम कृत; वि० सानोपदेश मारी प्रकरण दे० (६-७६ यू) और राम-भजन की महिमा । दे०(ख-६४) सीतर स्वयंवर दे० (छ- वी) राम-विवाद घट दे० (८-७६ डब्ल्यू) नवलसिंह (प्रधान)-उप० रामानुज दास शरण; भारत यार्तिक ० (छ-पक्स) जाति के धीवास्तव कायस्थ झॉसी निवासी; वैष्णव रामानुज सप्रदाय के अनुयायो; समथर- रामायण सुमिरनी दे० (छ-७६ वाई) विणास राह दे० (छ-६ जेड) नरेश महाराज हिंदूपति के श्राधित, सं० पूर्वरंगार पर दे० (छ-६ एए) १८६७ के लगभग वर्तमान दतिया घ टीकम- मिथिला पएट दे० (५-७६ घी बी) गढ़ राज्य के दरबार में भी रहे थे। दान जोम संवाद दे० (छ- सी सी) नाम रामायण दे० (च-३०) जन्मस एड दे० (छ-७६ डी डी) रामायरा कोश दे० (छ-७६ ए) शका मोचन दे० (छ-७६ वी) नवीन-स० १७३० के लगभगवर्तमान, जोधपुर नरेश महाराज जसवंतसिंह के आश्रित । रसिफ रामी दे० (छ-७६ सी) नेह निपान टे० (च-38) विज्ञान भास्कर दे० (छ-58 डी) प्रमरान दीपिका दे० (छ- ई) नवीनाख्य-दशरथराय कृत; नि० का० सं० शुक रमा सवाद दे० (छ- एफ) १७६९; वि० नायिका भेद । दे० (ज-५८) नाम चिंतामणि दे० (छ-७६ जी) (च-२६) नसरुलाखॉ-दिल्ली के सरदार; सं० १७७७ के जौहरिन तरंग दे० (छ-58 एच) लगभग घतमान, सूरत मिश्र के माश्रयदाता। मूल भारत दे० (छ-७६ आई) दे० (छ-२४३) भारत सावित्री दे० (छ-७६ जे) नसीहतनामा--सुखलाल कृत; नि० का० सं० अद्भुत रामायण दे० (च-२८) १६०८, वि० याचारिक शिक्षा। दे० (छ-११३बी) भारत कवितावली दे० (छ-७६ के) नागनौर की लीला-चद कधि कृत, नि० का. भाषा सप्तशती दे० (छ-७६ पत) सं० १७२५, लि० का० सं० १८४४ वि० श्री. कवि जीवन दे० (छ-६ एम) कृष्ण का कालीनाग को नाथना । दे० (छ-१' आएहा रामायण दे० (छ-६ एन) नागरीदास-उप० महाराज सावतसिंह, ये भारदा भारत दे० (छ-७६ श्रो) किशनगढ़ के राजा थे; इनका जन्म स० १७५५ रुक्मिणी मंगल दे० (छ-७६ पी) और मृत्यु सं०१८२० में दुई; ये पक्के वैष्णव मूल ढोका दे० (१-७६ क्यू) और भक्त तथा अच्छे कवि थे, रूपनगर में उत्पन्न