पृष्ठ:हस्तलिखित हिंदी पुस्तकों का संक्षिप्त विवरण.pdf/१११

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[ OF ) नाटक दीप-~-अन्य नाम पंचदशी भाषा, स्वामी श्रष्टाग योग दे० (छ-१६8) अनेमानंद कृत, नि० का० सं० १३७, वि० नानक जी की सासी दे० (ग-२१%) वेदांत । दे० (ख-४६) नाना कवि कृत शंकर-पचीसी-निम्न लिनित नाटकदीपिका–सदाराम कृत; लि० का० स० 'कारियों द्वारा कृत-(१) रसचंद (२) रसपुज १८७३, वि० वेदांत वर्णन । दे० (ज-२७२ डी)। (३) सेवक प्रयाग (४) मुंशी माधोराम (५) नोथ कवि-इनके विषय में कुछ भी ज्ञात नहीं । कविया करनीान ६) मुंशी माईदास (७) भागवत पचीसी दे० (ज-२०६) झोवा सावनसिंह (८) रतनृवीर माण (६) नाय-चंद्रिका-उत्तमचंद कृत, घि० जलंधरनाथ दबोचद महात्मा (20) सेवक पेमचंद (१३) के गुणों का वर्णन। दे० (ब-१६) (ग-१८ एक) सेवक शिवचंद (१२) श्रानंदराम (१३) सेवक नाय-चरित-राजा मानसिंह कन, वि०सिद्धेश्वर गुलालचंद (१४) मथेना भीमचंद (१५) साधु श्री जलंधरनाथ के गुण और यश का वर्णन । पृथ्वीराज; यह पुस्तक इन कवियों के आध्रय- दे०(ग-३१) दाता जोधपुर नरेश महाराज अभयसिंह के नाय-प्रशसा-राजा मानसिंह कृत; वि० चार राजत्वकाल में लिखी गई थी, वि० शंकर और भूतुओं का वर्णन । दे० (ग-७८ ) पार्वती की स्तुति । दे० (ग-७२) नादार्णव-अन्य नाम नादोदधि, पूरन मिश्र कृत; | नाभादास-उप० नारायणदास; स्वामी अग्र- लि. का० सं० १८५४ वि० संगीत। दे० दास के शिष्य, प्रियादास के गुरु सं०१६५७ के) लगभग वर्तमान, ध्रुवदास के समकालीन । नादिरशाह-~-ईरान का वादशाह, जन्म स्थान रामचरित्र के पद दे० (ज-२०२) खुरासान, इसने सं०१७६८ में भारत पर याक्र मक्तमान दे० (ज-२११) (क-१५) मण किया और इसके मथुरा केधावे में आनंद- (क-७ ) (छ-१२१) बन बनानंद) कवि मारे गए । दे० (क-७६) नामचक्र-लक्ष्मणप्रसाद कन, नि० का० सं० नादोदधि-अन्य नाम नादार्णव, पूरन मिश्र कृत; १६००, वि० वैद्यक कोश । दे० (ज-१६२) लि० का० सं० १८५६, वि० संगीत। दे० नाम चिंतामणि-नबलसिंह प्रधान कृत; नि० (ड-४३) का० सं० १६०३, लि० का० सं० १९४१, वि० नानक-सं०१५२६-१५६६ तक; सिक्न संप्रदाय कोश । दे० (च-२६) (छ- जी) के संस्थापक; तितावरी (पंजाब) निवासी; नाम-चिंतामणि माला-नंददास कृत; वि० कृष्ण । जाति के वेदी खत्री थे; इन्होंने अपनी कविता की नामावली । दे० (छ-२०० सी) हिंदी में लिखी है; नामदेव छीपी के समका- | नामदेव-प्रसिद्ध स्वामी रामानंद के शिष्य, लीन थे। दे० (ज-२०५) जाति के छीपी; १५ वीं शताब्दी में वर्तमान मुखमनी दे० (ज-२०७) थे; नानक जी के समकालीन थे।