पृष्ठ:हस्तलिखित हिंदी पुस्तकों का संक्षिप्त विवरण.pdf/१२२

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पृषीराम रासो-कविवर बलाई कपिल रसमिभि सागर दे० (-५ सी) भारत के प्रतिम दिसम्राट महापम पृष्त्री समितिकमपिता दे० (४-५ पत्र) राख बौदानीम की परनामी का रणनिनिकी कविता - 14-y माई) बर्णन रस मेप में वो समयो के रममिमिकता दे० (-) (-४) माम से लिये प्रथम का है। दे० विपाएर ०(-1) (+-१४६ एफ)(क-4६) लि० का सं० १७, परित दे० (-ty an) (-२) (ब-५७) (-1) शि० का० स० १६ भवितव० (ए-६५ पम) (-) (-) (-४२) (क-६३), निक किरा.(१-६५ एन) का.स. १९४० (-४) लि. का. स. शोका दे० (- भो) (-1) R (-07 सि० का० स० ) रसमिपि सायर ० (-पी) (M-18), 1ि0013 (-३), मारा दे० (-१५) MOTका० स. १६ (-) (-१) पीकर-स० १६७३ के कगमप पर्वमान, मालि के कारण प्रापपुरा (मैनपुरी) निवासी मोहन पृष्नीसिह-कोटा के राजा Rator के खगमग दास पुत्र पे, पे सात माई :-(१) पुरकर वर्तमान दी मरेश पत्रसाल के यशज बदन (२) सुपर (३) सपरत () मुरलीभर (५) कवि के प्रामपहाता ये। दे० (ब-७) शुकर (६) मरवराम (७) सकसि बार पृथ्वीसिा --उप० पूण्यीराम उद्योतसिंह राजा शाकाहाँगीर के समकालीन पे। २ पुग बुरेलक्षागी सं० १७६६ के लगभग रहरम दे० (4-81) (4-२०८) वर्तमान, कवि दिगार, गोप कवि, कोविद मौरगट बानी-पाणनाथ कता लि का० सं० इरिसेवक भाभपाता।३०(८-३८) १६ वि०मारिमकसत्पाता । ३० (-2011) (घ-०) (ER) (१-६२) ममापति-प्राठि के रीक्षित माझा भोलानाथ पृषीसिंह (रामा)म्परसनिधि:वरीली (इनिया) के पिता बेसाहारी (क्तपुरराज्य) बागीर के बागीरदास लामा वर्तमाम, दार।०(८-११) में स्वथ कपिथे। प्रताप-मोटी निकासी मावि कापला राव रिम्पार कौन २०१५-६४) रामसत्र मातीपाले के समकालीन स०१५ हरिगो(सी) केसगमग वतमान। बारमाही (च-सी) भिवान प्रवास वे० (-२) पौत्र भा०-६५) भी मास्तर माकोस(९-१२वी) दौसा दे०(44) प्रवाप साहि-सके नगमग माना रनिधिबार १०(९-२१ फप) घरवारी (गुलकंदमाश विमसाह और १२