पृष्ठ:हस्तलिखित हिंदी पुस्तकों का संक्षिप्त विवरण.pdf/१२३

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। [ 0 ] रत्नसेन के श्राधित, जाति के वंदीजन और } प्रद्युम्नदास-दामोदर के पुत्र; सं० १७३६ के खग कषि रतनेश के पुत्र थे मग वर्तमान, हरिशंकर, लालमणि और कृष्ण जैसिंह प्रकाश दे० (छ-६१ ए.) मगि इनके भाई थे, जामि के कायण, बादप काव्य विलास दे० (छ-8 वी) (च-४६) नगर के राजा दोलसिंह के ग्राधिन थे। गार मजरी दे० (छ- सी) काय ममगे दे० (ट-८) गार शिरोमणि दे० (छ- डी) माननीनि----रामनायप्रधान हन; वि० राजनीति अलकार चिंतामगि दे० (छ-१ ई) की मुग्य मुरप बातों का वर्णन । दे० (स-8) रन चदिका टे (छ-६..एफ) अपनगनेलानंद-म्बामी गमानद के अनुयायी रसराज तिलक दे० (छ- जी) और अनतानंद के शिष्य थे, सं० १६.१ के काव्य विनोद दे० (छ-६१ एच) लगभग वर्तमान, मथुरा निवामी थे । जुगल नखशिष (नखशिव रामचंद जू को भक्ति भावती दे० (ख-१३६) (च-५०) दे० (८-६१ श्राई ) प्रपन्न प्रेमावली-इच्छाराम कृत, नि० का० सं० (ज-२२७) १८२२, वि० भक्तों को कथाएँ और शान-यर्णन। म्यंग्याथै कौमुदी दे० (-६१ जे) (घ-५२) दे० (ज-२०१५) नक्षम नसशिन दे० (छ-६५ के) प्रतापसिंह-छतरपुर (बुदेतखंड ) नरेश; सं० प्रबंध रामायण-रामगुलाम कृत; लि० का० सं० १९३८, चि. रामचंद्र जी का चरित १९०५ के लगभग वर्तमान; फाज़िल शाह के घर्णन । दे० (ज-२४७ वी) माश्रयदाता थे। दे० (च-५६) प्रतापसिंह-अलवर नरेश, सं० १७६४ के लगभग प्रबोधचंद्रोदय नाटक-वजवासीदास कृत, नि० वर्तमान, सोमनाथ कवि के आश्रयदाता । फा०सं०१७, संस्कृत से अनुबाद; वि० दे० (ज-२६८) वैराग्य । दे० (छ-१४१) (ट-) प्रतापसिंह (सवाई)-उप० ब्रजनिधि; जयपुर । प्रयोधचंद्रोदय नाटक-पानंद कृन, नि० का० नरेश, राज्य का० सं०१३५-१८०, महाराज सं० १८६७, लि० का० स० १६८, वि० सस्कृत सवाई जयसिंह के पौत्र और महाराज जगत नाटक का मापानुवाद । दे० (ज-४ सी) सिंह के पिता थे, कवि अनंतराय, पदमाकर मवोधचंद्रोदय नाटक-महाराज जसवंतसिंह भट्ट और रामनारायण (रसरासि) के श्राश्रय कृत; वि० सस्कृत नाटक का हिंदी अनुवाद । दाता, ये स्वयं एक अच्छे कवि थे।दे०(न-१) दे० (ग-२२) सनेह (स्नेह) संपाम दे० (क-54) प्रबोध चिंतामणि (मोह ) विवेक-धर्ममदिर रंगार मजरी दे०(छ-२०५५) गणि कृत, नि० का० सं० १७४१, लि. का० नीति मंजरी दे० (छ-२०५ वी) सं० १८७४, वि० जैन धर्मानुसार ज्ञान वर्णम । वैराग्य मंजरी दे० (छ-२०५ सी) दे० (क-१२०)