पृष्ठ:हस्तलिखित हिंदी पुस्तकों का संक्षिप्त विवरण.pdf/१२४

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पयोष पनाशिकर-पार महभिर | मसान परिष-प्रजरममदास ना कि प्रदाई के प्रतिबिनप मोर मागमा । दे०(ज-२०५) महशी कपा।0 (-५९) पपागदास--सरपुर राज्य (इस्वप्रासाद-लीला-रामदासनिक का० २५ मियासी, जाति क मार, मानवास 18. मोर दूसरी मति का लि. 10 म. TET लगमा पर्तमाम सारी 1७२, वि०सिंह अवतार का पमन । दे० मरेश राजा गुमानमिद घोर जिप क्रिमा, (५-२यो) जीता पिडापनरंग महाराज समसिंह महायोपासपान-(०मसात ) वि.पिश्यामित्र मधिल ! का रामघम से संसारिक मोम मुछि पाने रिमोपदेश (प-६) के उपाय वर्णम फरमा 10(क-10) पपरमानी (लमा रपाली) ० (-४) माणचंद जातिक पानी चौहान पे, स०१६६५- (उ-२२८) के नगमा पर्वमान पाशाह मागीर के मोतिाप्न दे० (-पी) समकालीन प्रयागीसात-- सीपत्र, दोकमगढ़ समाप माना (-१५) निवासी, माणिकलाल के पुत्र सपा जीत मानाए---00 के लगभग पर्तमान- साम पौत्र, ये पाणारीरंग की भारत जाति क गुजराती मामएपमा मरेश महाराज 7 चूनापन में पर और सही भाभि , एपसाम के गुण पाएमाप (घामो) उमदाय से०२.सपमग यमान, अरतिक कायम के सम्पापका इन्होंने थपम पथ मारा दिमुस गुर्गाप्रसाद क पिता । (प.) समानों को मिलारपादा पापंपामसिंहभोपन रसापुराग ६०(प-(द-परि०1-40) मस्तान के गुम हमको खीमती मीन मषीन 1-50 मायोम, समगमग साथ कविता करती थी। ८०(ज-२२४) यतमाना पन सागर 01-३०) परदे०(५-६०) मरीन सागर-पत्रीम (कमा वीमरल निक पगारामीरे(च-बी) H.R. VIR पि० मारा.(-101) बीम शिकावार ०१५.सी) पभारली-सिंदरता नि••R TERE बानो १०(400) विनासरश.प-स) रामदियो १० (4) मसादलना-सिपास स्न. पि. पिक पात्री १०-२१५) प्रमादापार.(६-२०) माखनाए-बारामपुर, महोया (पूर्व) महाद-मरिक-गापार पनि •ि प्रहार निपा.१-पूर्व एम्मान परिज RI(-) मामा.(-३) v