पृष्ठ:हस्तलिखित हिंदी पुस्तकों का संक्षिप्त विवरण.pdf/१२९

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[६६ बंसीधर-सं० १७७४ के लगभग वर्तमान, सुयंस वख्तेश-सं० १८२२ के लगभग वर्तमान, राजा लाल के पुत्र, जाति के कायस्थ, सीपुर निवासी; रतनेश के भाई शत्रुजीत के आश्रित । राजा मान्धाता के आश्रित थे। रसरान टीका संयुक्त दे० (छ-७) मित्र मनोहर (हितोपदेश ) दे० ( च-६४ ) | वघेल-वंश वर्णन - अजवेस कृत; नि० का० सं० (छ-१२) १८६२, वि. रीवाँ के राजा विश्वनाथसिंह के, वंसीधर-सं० १७६५ के लगभग घर्तमान, बुंदेल कुल बघेल वश की उत्पत्ति आदि का वर्णन खंड के महाराज छत्रसाल के आश्रित, पाद- यह बंश सिद्धराव के पुत्र व्याघ्रराय से प्रारंभ शाह शाह आलम के समकालीन । होता है, अन्हलवाड़े के चालुक्य राजा कुमार दस्तूर-माविका दे० (अ-१८) पाल के समय में सं० १२८५ में चालुक्यवंश से अलग होकर यह शुरू दुमा । दे० (स्न-१५) वंसीवट विलास-माधुरीदास कृत, लि० का० सं० १६८७,वि० कृष्ण लीला। दे० (ग-१०४ तीन) | वटुकवहादुर सिंह-कमौली (बनारस) के जमींदार; सतीप्रसाद के आश्रयदाता थे। वंसी वर्णन-दीरय कवि कृत, स्ति० का० सं० दे०(छ-२३०) १६३८, वि० कृष्णवंशी वर्णन । दे० (ज-७६) वड़ी बेड़ी को समयो–चन्द घरदाई कृत । दे० वखत कुँवरि (स्त्री)--उप० प्रियासनी, दतिया (छ-१४६ई) की रानी, सं० १८४७ के लगभग वर्तमान; ये वणिकमिया-शुकदेव मिश्र कृत, नि० का० सं श्रीकृष्ण की भक्त थीं। २७२७, लि० का० सं० १९५५, वि. वाणिज्य पानी दे०(छ-८) भेद वर्णन । दे० (च-1) वख्तसिंह-जोधपुर नरेश महाराज अजीतसिंह बदन कवि-दामोदर के पुत्र, दयाराम के पौत्र के पुत्र और अभयसिंह के भाई, सं० १७७६ और मनीराम के प्रपौत्र थे, स० १८०८ के लग- के लगभग वर्तमान, विल्ली के बादशाह मुह भग वर्तमान; गिरयाँ (गिरग्राम ) ज़िला बॉदा म्मद शाह के इशारे से अभयसिंह ने अपने निवासी, जाति के अग्निहोत्री ग्राह्मण, कोटा भाई घखतसिंह की सहायता से महाराज (गढ) के राजा पृथ्वीसिंह के आश्रित । भजीतसिंह को मार डाला; शानमल सिंगी रसदीपक दे० (च-५७) इनके दीवान थे। दे० (ग-४०) (ग-:६) वदनसिंह-महाराज भरतपुर; सुजानसिंह और (ग-मई) यहादुरसिंह के पिता; सं० १८७ के पूर्व वती- वख्तावर--सं० १८६० के लगभग वर्तमाम; हाथ मान । दे० (क-१)(क-२) (ड-४७) रस (अलीगढ) निवासी; पंडित दयाराम वधूविनोद-कालिदास निषेदी सत; लि. का० के आश्रित थे। सं० १८६७, वि० नायिका मेद वर्णन | दे० सुनिसार दे० (ख-48) (छ-१७८) !