पृष्ठ:हस्तलिखित हिंदी पुस्तकों का संक्षिप्त विवरण.pdf/१३

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जाय। . सहायता करें जिसमे सभा यह काम करा सके। को यह सूचना दें कि कौन कौन सी पुस्तके मोल यह काम या तो प्रति राज्य में अलग अलग हो । ली गई है और किन किन की नकल हो गई या हो सकता है अथवा यदि सब नृपतिगण थोडी थोडी रही है तथा कौन कौन ऐसी हैं जो मोल न ली सहायत करें तो यथाक्रम सब राज्यों में खोज हो जा सकी अथवा जिनकी नकल न हो सकी, परंतु सकती है। यदि वहाँ का काम सभा को सौंपा | जिन्हें प्राप्त करना आवश्यक और उचित है। उन्हें जाय तो उसे राजपूताने को दो भागों में विभक्त प्राप्त करने का सभा उद्योग करे। कर दो निरीक्षकों के अधीन खोज का काम करना संरक्षण -हम लोग समझते हैं कि सभा इस चाहिए जिसमें काम जल्दी हो सके । जहाँ तक यात के उद्योग में है कि उसके पुस्तकालय के लिये संभव हो, प्रत्येक राज्य की एक रिपोर्ट प्रकाशित | एक अच्छा भवन यनवाया जाय। हम लोग इस की जाय । राजपूताने में जो स्थान ब्रिटिश गवर्नमेंट उद्योग का स्तुत्य ही नहीं वरन् अत्यंत आवश्यक के अधीन हैं, उनमें खोज का काम करने के लिये भी समझते हैं। हम लोगों की सम्मति है कि जब ब्रिटिश पजेंसी से सहायता के लिये प्रार्थना की यह भवन बनने लगे तो इस बात का ध्यान रक्ता जाय कि उसके चार मुख्य विमाग हो, एक में यदि आवश्यक हो तो जिस समिति के संगठन हिंदी की छपी पुस्तकें रहें, दूसरे में हस्तलिनित की हम लोगों ने सम्मति दी है वह अन्य प्रांतों के | पुस्तकें रहे, तीसरे में अन्य भाषाओं की ऐसी पुस्तके कार्यक्रम को यथासमय निर्धारित करे। रहे जो प्रायः लेखादि लिखने, पुस्तक संपादन करने "--यह कार्य तीन मुख्य भागों में विभक्ति और शोध का काम करने के लिये आवश्यक है, हो सकता है--(१) संग्रह, (२) सरक्षण और (३) । चौथे विभाग में ऐसा प्रबंध हो कि विद्वान् लोग प्रकाशन । सुमीते से.बैठकर साहित्यिक कार्य कर सके। चारों संग्रह-संग्रह का करना परम आवश्यक है | भाग एक दुसरे से खतंत्र हो। दूसरे विभाग में क्योंकि इससे पुस्तकों की यथाविधि रक्षा हो लकडी उपयोग में न लाई जाय और अलमारियाँ सकेगी और वे नष्ट होने से बच जायेंगी तथा ऐसी वनवाई जाये जिनमें रक्स्नी हुई चीजें आग विद्वानों को अपने कार्य के लिये एक ही स्थान पर लगने पर जल न सके तथा दीमक आदि कीड़े प्राप्त हो सकेंगी। सग्रह का काम प्रतियाँ खरीद | जिनमें प्रवेश कर हानि न पहुँचा सके, तथा जिनसे कर अथवा नकल करवाकर हो सकता है। सभा | चीजें निकालने में अडचन हो, जिसमें चोरी आदि की ओर से निरीक्षकों को इस बात का निर्देश रहे का भय न रहे । साथ ही यह भी आवश्यक है कि जो प्रतियाँ मूल्य पर मिल सके, उनके ग्नरीदने | कि इन पुस्तकों की देख भाल होती रहे और का वे ध्यान रखें और जो इस प्रकार न मिले बिना सोचे समझे ये किसी को मॅगनी न दी आयें उनकी नकल करवाने का प्रबंध करें। पुस्तकों की और न बाहर भेजी जायँ । नवल अच्छे देशी कागज पर हो तथा पक्की देशी प्रकाशन-यह काम काशी नागरीप्रचारिणी सभा स्याही से वे लिखी जायें । निरीक्षक प्रति वर्ष सभा | कई वर्षों से कर रही है और हम लोगों को यह 1