पृष्ठ:हस्तलिखित हिंदी पुस्तकों का संक्षिप्त विवरण.pdf/१३०

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.- पनारपुरसरम का मि मीरामजी के पञ्चदेश (कवि)-R के लगमग पतं पर-सरूप का बर्थन । दे० (१-३०४ दी) मान, इसके विपप में भौर कुछ मी सात नहीं। बनारसीदास-सस के लगमग वर्तमान, कारको मात्रा दे. (ख-4) मैन मतापीबाह शाहजहाँ के सम मादेर कया-रोया नरेश अपसिंह का हि. कालीमा भागय निवासी थे। का०सं० १९० पि.प्रीह के माई समरसारपार देव बी की कथापन । ३० (क-१५३) सल्यामंदिरादे०(-१०४) पनदेय रामपाक्षागार विवि० बन तापुमा दे०(6-104) देवसी की रासलीशाकावर्षमा० (८-३१२) मौषमाडी दे० (क-१०६) पलपंससिामरतपुर नरेश राम्प का. स. बपालिस रानी~~-युवास शि. का.सं. २०१२-180 विरमानव मा भाप १०२.४ पिस्फुर।(4-1५६ जी) दाता थे।दे० (-1) परजोगसिंह-स० १६. मग मापीर-HOPNE के लगभग पतमाना मागी ये कोपा ये हरिशकरगिजके मामयावा रथ के पुत्र, कपोज नियाधी, आधिके पूरे थे।३०(१-२५) प्राणा पाय हिम्मतकों के मामिठ ये, पर-गोरेलाल पुरोहित स्ना पि. एटा है। इनका परापूस महार है- (1-४३५) गवाधर एवं नखशिख-सेयएम पृत, निका० स. १९५३, वि० मंग-यम्मा ३० (ज-२४) भदयम पर नापिका मेर--रहीम पिता पि० वनी समोर मापिका मेद पर्य। (-२) कर पर रामायण-गोस्वामी तुलसीदास Patro का०सं०१ वि० संक्षिप्त रामायणादे० मागीरथ (4-50 (+244) पनीर परिवंदसिंह---परसपतसिंह, बनारस मोय, पिंग मार दे०(ब-१२) ०१२ के सामा वर्तमान कपिघुनाथ, अपमाबार शिम पर दे० (ग-२७) मोम कपि और गोकुसमाप के माभपदाता पति विकास दे(२) पे.दे० (५-१२) (५-२४) (A-Puy (4- बलभद्र (मिम ) कधि प्रसिद्ध शयदास (1-4) के भाई थे,.६४१ के तगमग पर्तमान । पलस की पैम-कपीरवास छत, मिर मग्रिम दे० (ग-i)(x-१५) (क-२११) और साह पक्षण के मनोकरदे (3- यजम ७१४ के रुपमग पर्तमाम इस ४३.भाई) विषय में और एच मी प्राह नहीं।