पृष्ठ:हस्तलिखित हिंदी पुस्तकों का संक्षिप्त विवरण.pdf/१४६

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ये मौरंगजेब मसाल (पहा-माण) और शिवा दास) रुत, दि० भीरालीसा वनारे जी के दरबार में भी रहते पे H102 (ब-१२१दो) लगमा पवमान। मोमपण-मोड (भोजराज) कवि , लि. शिमाम समय दे० (प-4) का ११ दूसरी मति का हिका बारदे० (-40)(क-४०) स.१२ वि० मतकार दे०-५५) (-4) भूषणदास--सरन कपि छ नि का स० मोमरान-पुमेखला मिपामी; परबारी-नरेगा 100 लि.का.स.१- पि. भलंकार महापात्र रमसिंह विजयबहादुर और प्रध। २०(4-t) (C-Nसी) विक्रमाचीच पाभित, सं० १.ग मेनकाश-- कविरुवा निकासंORE मग वर्तमान। लिका०म०वि० सात मुद्रारावत मीन राप दे० (१-१५५) {च-1५) का हिंदी अनुवाद - (-1) पर विचार दे० (८-५वी) भेदमास्कर-जनकर्मरनी दास मालिक का० रसिक विशात ३०(4-4) 10 8165 वि वेदांत (भारमा पौर माता | मामल (मोमद) पकरवशाइ-नागपुर वर्णन)। दे० (-२५६) मोसमा मरहठास.१७०० सपमा पर्व भैरपसाद-परिवास के पिता आदि के का मान विद्यामणि त्रिपाठी के ग्रामपाता। परपा पमा निवासी थे। ३० (-१) २०९-१०) (क-२) भैरवगाम-नविषय में कुछ मी बात मही। भारलीला-महाराज साएतसिंह नागरीहास) गुर धिम २०(ब-१४) पठ, वि. राधाहम्ण का प्रावकालिक रिहार मोग-पार-नये, HAVE लगभगवर्तमान, वर्णन। २०(-१५) पंजा सहदेव कपुर 120 (-2) मोखानाप-प्रभापति दीक्षित के पुत्र शिवार मोम (मोगराम) सं० १८ गमग वर्ट निवासी, देलाहारी (पम्प इतपुर) के जागीर मान रामा बिजयबहादुर भौर पमा रखन वापमाति के मामण; इमर्श भाई थे। सिंह (बरखारीपाड) भाभित। मापसाली दे०(-१) भौत्र भूग. (-१५०) (च-१५) भ्रम-निशरण-निम्यामंद व वि० योग 7 पर सिौर ०-१५बी) की क्रियामा का पर्वत । दे०-४५) भोमनषिखास-प्रयापदाम का मिका० स० भ्रम-मन-ममघोष हत्ता नि. का० सं० ११० MMON०१६१२१ वि० मोडन वि० साहित्य का ग्रेडन माना. (E-124) बनाने की राशि का पर्छन । १० (-४)| भ्रमर गीता--कालिदास कसा वि. गोपियों से मोना दमक-मापत्र सापतसिंह (नागरी ऊपी का संदेश पार्षम् । दे० (-w)