पृष्ठ:हस्तलिखित हिंदी पुस्तकों का संक्षिप्त विवरण.pdf/१४८

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

फारसी प्रयाधार पर, ज्योतिप पणतमामपालइन के विषय में कामीडास महो २०(ज-6) (4-३५) नि भाषा दे० (-१७६) पहिराम-इनके तीन मार चिंतामणि, भूगण मदनसिह-प्रजसिंह के पिता माति क कायस और मीलकट (टाशंकर ) और चे जाति ये। (-४) के सम्पनुज त्रिपाठी ब्राह्मण सिंगर्षापुर मधुमरिदाप्त-एकापुरी (इटावा) निवासी (कानपुर) निवासी स०१७03 के मगमग जाठिक मापुर धौवे माह्मण 80 के पसमानपावशाह मोरगए और मसी नरेश गमप वर्तमान । माळसिंहदरबारी कृषि । रामाश्रमप दे० (-3) रसा दे० (-४०) (ए) मकर-प० मममसरना अपोम्पा निवासी (ख-६७) और महम्त थे, २०पी शठानी में वर्तमान । वहित नाम ०१-६७) रामगीता रियर मार दे०(2-१६५) सारिप सार दे (-18 वी) मधुकरशार-मोडमा नरेश, देवीसिंह के पूर्वज अपच परवे०१५-१६सी) राहा जीतसिंह के पिता, सं०१४ मनिराम सहदे (-५६६) भगमग पर्तमान, शवदास के प्राश्रयदाता; मतिराम की सतसईमतिराम हतावि० मार मोहनदास के पूर्व इन के पुरोहित थे। रस की कविता १०(स-1६६) २०(क-२)(--6) (-२) (८-१५) मपुरानाप (य)-80 १३५ के मामण ((+-) (-186), पवमान गतिक ब्राह्मण मामयीय, हमारस मकरसाइ-फष (इठापा ) के बागीरदार, निवासी राजा शिवमसाद सितारे हिंद कुयसिंह हे पिता के पूर्ववर्तमान सीसामाईमपितामह राजा सरल भराभित अम्म का समय और मधुमिपा-पजमेश कता डोक्षाकार मावा लि मस्यु का सारा के पुर। ० यि० भीण्या बी का मन बिपीसी दे० (-१४५) शिणवर्णन (1-2) अनार बबल (बी) मधुमालती री कथा-चतुर्मुदाय वा लिए नमा पाधि मानद० (-४५ सी) का.स. १८३७ वि०मधु और मालदीकी पाधि सात (ज-11) प्रेम रस की कथा का वर्णन । २०(-) पानमविदे०(-1) मधुसूदमदास-म० १८३२ सामगवरमान, सिक पकाएन०(T-1 पफ) मक विएप में और कुक भी मात महो। हामी पदुम दे (ज-18 जी) रामायमेष दे० (-1) T