पृष्ठ:हस्तलिखित हिंदी पुस्तकों का संक्षिप्त विवरण.pdf/१५२

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नाही। 1 १५४ के पूर्व बसमान दुईसपर नियासी। ० ०१४0 लि का स.1 वि० माप चामल भौर कामकदल की प्रम-कपा 1 दे० माप निदान-पानसेन छ नि का० १० १०२६, बि पंचक माप निदान का माग पापशनन की कथा-परिनारायठ स लि. नुपाद वि० (-४४) का स०१२ किमावानल और काम माश्यनिदान भाषा-सारिकापसाद न, कि० काका को मेम कथा । दे.(प.) कास.१६ पिक चिकितसा प्रथ साल माघुगदाप्त-मज निवासी ख० ११ क मगमग मामनियाका मापानुवाद) 4015-५६) पर्तमान, मक विषय में और कुछ मी हात मारमसमाव-ौनपुर निवासी, मिरजापूर और समारत में काम कर रमक विषय में समागमन विभार माधुरी दे० (ग-१०४एक) मोर पसात महीं। पाल माधुरी (८-१४६)ग-1०४ सास) कासी भाग दे० (-१) पसी विलाप्त मार्ग०(ग-10४शीन) पापपराप-मेड़ता (मारवाड़) मियासी, कापस्य पानीका १०(ब-१८)(ग-10५ माठ) मापुरजोरपुर नरेश भभयसिंह मामिला बामाधुरी दे० (ग-४ बार) महाराज को किसी प्रपराध परद साममनि मादुरी दे० (प-१०४ पाँच) कर दियावह रणोंने भगवती की स्तुति राम विहार पारी(न-१०४१) > की और कहा जाता किमही बेडी उसीके समा २० (-१४ नी) प्रमाण से कर गई ० १७३५ के लगभग माधुरी प्रकाश-पानिवास कसा पिसीताराम पर्तमान। की शोमा कापणेन । ३० (१-२६ सी) गतिमािह दे(ग-४३) माधोसिंह- १० १५ के नगमा पर्तमान, का पर्गसी दे० (म-७१) भरबर (वालियर) के राजा, अर्जुन कपि के मापाम रही.(-138) माप्रपदाता ।२० (-1) मापरराम इंटली-मापवयम ता थि० अनेक मान-उप० जुमाम, १० १५२. मगमग देवी देवताओं की स्तुति। २० (-148) वर्तमान परणारी नरेश एमा विक्रमादि मारगरिनोद नादक-सोममाघ RO RO का० संभामिताभरपा (राम्प छतरपुर) निकासी, 1 स. १० लि का यि मापन ये पदीयन प्रजमात के पिता थे। और मालती की प्रेम हामी 1500-15) हनुमान पैक (७०) मापरषिशास शबा-मुराम नागर कसा. सुपर रचीसी (पी) (१-८) हनुमान एबीधी दे०१५-०ी), मापनल कामकंदता-मातम मिश्रा पपप सनक दे०(40 दी) ,