पृष्ठ:हस्तलिखित हिंदी पुस्तकों का संक्षिप्त विवरण.pdf/१६३

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[ १३० ] रत्नाकर–चारण कवि कृत, नि० का० सं० १७७२, सं०.७५१, लि० का० सं० १६४६, वि० देवता. लि. का० सं० १८६०, वि० प्रारंभ में कुछ ओं के स्वरूप तथा उनके स्थानों आदि का पिंगल, शेष में कोश । दे० ( 3-58) वर्णन । दे० (ज-२६२) रत्नेश-प्रताप कवि के पिता; सं० १.६ के पूर्व रसकलाल-कर्ण कवि कृत; लि० का० सं० वर्तमान; चरखारी (बुंदेलखंड ) निवासी थे। १८६७ दूसरी प्रति का० लि० का० सं० १८५८ दे० (च-४६) और तीसरी का लि० का० सं० १८६२; वि० रमई-जाति के पाठक चौधे, याण कवि के पिता; काव्यग्रथ, रस, ध्वनि व्यंग्यादि-निरूपण । दे० सं० १६७४ के पूर्व वर्तमान थे । दे० (छ-१३४) रमल ताजक–ोरीलाल शर्मा कृत; लि० का० रसकचोल-तुलसीदास कृत, नि० का सं० सं० १९५७, वि० रमल सीखने की विधि । १७११, लि० का०सं० १९५२, वि० नवरसवर्णन। दे० (ज-२१%) दे० (छ-३३६ए) रमैनी—कबीरदास कृत; नि० का० सं० १४५७, वि० रसकौमुदी-हरिप्रसाद कृत,नि० का०स० १८६७,

  • तर्क के साथ कवीर पंथी सिद्धांत के पद । दे० वि० नायिका भेद, रस, कान्य । दे० (च-६५)

(छ-१७७ ई ) (ग-१८५) रसकौमुदी-हरिदास कृत. नि०का० सं० १८६८, रमैया-ये बनारस निवासी साधु थे, २०.वी वि० स्त्री भेद वर्णन 1 दे० (छ–४६५) शताब्दी के प्रारंभ में वर्तमान । रसगाइक चंद्रिका-सूरत मिश्र कृत; नि० का०- रमैया की कविता दे० (-१०% ) सं० १७६१, लि० का० सं० १८६६, वि० रसिक- रमैया के कवित्त दे० (ङ-९०६) प्रिया पर टीका। दे०(छ-२५३ ए) (ज- रमैया चावा की कविता दे० (ड-११०) ३१४५) रमैया की कविता--रमैया वाया कृत, वि० उप- रसचंद्रोदय- उदैनाथ ( कवीट ) कृत, नि० का० देश के भजन । दे० (ड-१०८) सं० १८०४, लि० का० सं० १६३० वि० नायि- रमैया के कवित्त-रमैया वावा कृन, लि० का० का भेद वर्णन । दे० (च-३) (छ-२४६) सं० १९१३, वि० शानोपदेश के कवित्त । दे० | रसजानिदास-प्रियादास के शिष्य; स० १८०७ (6-१०६) के लगभग वर्तमान थे। रमैया वावा की कविता-रमैया वाधा कृत; भागवत भाषा दे० (ख-६४) लि० का० सं० १४१३; वि० रामनाम माहात्म्य | रसदीप (काव्य) —कबोट (उदयनाथ) कृत, नि०१ वर्णन । दे० (ङ-१९०) का० सं० १७६६, वि० नायिका भेद वर्णन । रसकंद-मान्य कृत, वि० नायिका-भेद वर्णन । दे० (ङ-२८) (घ-४२) (कर्ता के नाम दे० (ज-२६३) में भूल है।) रसकदंव चूड़ामणि-रसिकदास कृत, नि० का. रसदीपक-बदन कवि कृत; नि० का० सं० १८०८,