पृष्ठ:हस्तलिखित हिंदी पुस्तकों का संक्षिप्त विवरण.pdf/१६५

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[ Bša i १४२७, वि० अलकार और नायिका भेद। दे० की पाठ पहर की दिन चर्या का वर्णन । दे० (च-७१) (छ-३४५) (क-२०)(छ-२५६) रसभूपण-तुलसीदास कृत; लि० का० स० रसमूल-लाल कवि शत; नि० का० सं० २३३, १६५२, वि० नवरस वर्णन । दे० (छ-३३४बी) वि० नायिका भेद वर्णन । दे.(घ-११३) रसभूपण ग्रंथ-रामनाथ याजपेई कृत; वि० | रसमोदक-अस्कंध गिरि कृत, नि० का० सं० नायिका भेद । दे० (घ-६३) (ड-२३८) १६०५, लिका० सं० १६०५, वि० नायिका रसमंजरी-नंददास कृत; वि० नायिका भेद भेद धर्णन । दे० (च-३२) वर्णन । दे० (ज-२०८ ई) रसरंग-ग्याल कवि कृत; नि० का० सं० १६०५ रसमंजरी--सनेहीराम कृत; लि० का० सं०२६११; लि० का० सं० १९५४: वि० भाव तथा रस. वि० नायिका भेद वर्णन । दे० (ज-२७१) काव्य । दे० (च-११) रसमंजरी-चिंतामणी कृत, लि० का० सं० रसरन-सूरत मिश्र कृत; नि० का० सं० १७EE; १८५ वि० नायिका-भेद वर्णन । दे० (छ लि० फा० सं०१-६६: वि० श्रृंगार रस वर्णन। १५०) दे० (ग-६६) (ब-६) रसमंजरी-दंपताचार्य कृत; लि० फा० सं० रसरन काव्य-पुकर कवि कृत: नि० का० १६३१ वि० राम जानकी का विहार वर्णन । स०१६७३, लि० का० सं० १८६५, दूसरी प्रति दे० (ज-५४) फा लि० का० सं० १८६२; पि० रंभावती और ) रसमंजरी-रामानंद कृत; लि० का० सं० १८०७,, सूरसेन की कथा । दे० (च-४८) (७-२०८) वि० नायिका भेद वर्णन । दे० (ज-२५ घी) रसरन मंजरी-प्रिया सखी कृत; वि० राम जा. रसमय (ग्रंथ)-वेनी कपि कृत; नि० का० सं० नकी का विहार वर्णन । दे० (ज-२३२) १८१७, लि० का० स० १८३६ दूसरी प्रति का सरन माला--सूरत मिश्र कृत; नि० का०स० लि. का० सं० १९८; वि० नायिका भेद १८११ वि० नायिका भेद और काव्य भाष वर्णन । दे० (-५२) (घ-१२२) वर्णन | दे० (६-२४३ धी) रसमसाल-गिरिधर कृत; लि० का० सं० रस-रवाकर--अन्य नाम रस-रवागार, पहार १६३४, वि० रस, काव्य, और नायिका भेद सैय्यद यात, वि० वैद्यक की धातुओं के प्रयोग वर्णन । दे० (ज-२) का वर्णन । दे० (छ-३०५ वी) (ज-२७३) रसमालिका (ग्रंथ)-रामचरण दास कृत; नि० रस रनावली (लीला)-ध्रुवदास कृत, विराधा। का० सं० १८४ट, लि० का० सं० १८५४, वि० और कृष्ण के प्रथम समागम का वर्णन । दे० शान, वैगग्य, भक्ति, सत्संगादि का वर्णन । (क-१०)(ज-७३ क्यू) दे० (घ-४४) रस-रसार्णव-अन्य नाम मर्दान रसाणव; सुख- रस मुक्तावली-ध्रुवदास कृत, पि० राधा कृष्ण देव मिश्र कृत; नि० का० सं० १७५७, लिक .