पृष्ठ:हस्तलिखित हिंदी पुस्तकों का संक्षिप्त विवरण.pdf/१६९

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आश्रित। [ १३६ ] १८१५; वि० राग, रागिनी, स्वर, ताल आदि के महंत और जनकराजकिशोरी शरण के गुरु का वर्णन । दे० (ज-३३४) मृत्यु काल सं० १६०५ । दे० (ज-१३४ ) राग माला-नानसेन कृत; वि० राग रोगिनियों राघवदास-सं० १७०७ के लगभग वर्तमान के स्वरूप का वर्णन । दे० (ग-४१) ओड़या निवासी; कायस्य राजा पहाड़सिंह के राग माला-दुर्जनदास कृत; वि० रामकृष्ण का गुणानुवाद घर्णन । दे० (छ-१६३) मान-प्रकाश दे० (छ-६७) राग माला-व्यास कवि कृत; लि. का० सं० गवानंद-वृंदावन निवासी, मिहीलाल से छः १८५५; वि०दोहो में राग-रागिनियों का वर्णन । पीढ़ी पूर्व के आचार्य थे। दे० (क-40) दे०(छ-220) राजकिशोर लाल-अयोध्याप्रसाद के पुत्र; धन- राग माला-देव कवि कृत; लि० का० सं० श्यामपुर (जौनपुर) निवासी; ६६ कवियों १८६९; वि० गान विद्या का वर्णन। दे० की कविता के संग्रहकर्ता, ये कृष्ण भक्त थे। (144) युगल शतक दे० (ज-२४२) राग माला-रामसने कृत; लि० का० सं० १६२१, | राजकीर्तन-याजिंदा कृत, वि० पानोपदेश । वि० रामचरित्र वर्णन । दे० (छ-२१६ सी) दे० (ग-७६) राग रत्नाकर-राधाकृष्ण कृन नि० का० स० राजकुमार प्रवोध-शंभूदच कृत, नि० का० सं: १८५३, लि० का० सं० १८६७, वि० संगीत १६७३; लि० का० सं० १८७३: नि० नारद और शास्त्र का वर्णन 1 दे० (ज-२३३) पांडवों का नीति पर संवाद । दे० (ग-३६) रागरनावली-कुँवर गोपालसिंह कृत; नि० का० राजनीति-पद्माकर भट्ट कृत; वि० राजनीति सं० १७५८, वि० संगीत शास्त्र का वर्णन ! दे० (च-६३) दे०(छ-४२) राजनीति----लरलूलाल कृत, नि०का० सं० १८६६ रागविवेक-पुरुषोत्तम कृत; नि० का०सं० १७१५; नि० राजनीति का वर्णन दे० (ज-१७४ वी लि० का० सं० १७४४; वि० संगीत शास्त्र का | राजनीति के वित्त-अन्य नाम राजनीति वर्णन । दे० (घ-४%) प्रस्ताचिक कवित्त, देवीदास कृत; लि.का.सं. रागसागर-राजा मानसिंह कृत; वि० राग-रागि- १८६०; दूसरी प्रति का लि० का० सं० १८५८ नियों का वर्णन । दे० (ग-७७) वि० नीति के कवित्त । दे० (छ-२७) (ग-२ राघवजन--ये अयोध्या के महंत थे, घाबा रघु (ग-२) नाथदास रामसनेही के अनुयायी; १६ वी राजनीति के भाव-देवमणि कृत; लि० कार शवानी में हुए। सं० १८२४, वि० चाणप्रय नीति के सात रामायण राघव कृत दे० (ज-२३८) अध्यायों का भाषानुवाद । दे० (छ-१५७) रघवदास-सं० १६०५ के पूर्व वर्तमान; अयोध्या राजनीति चंद्रिका--विष्णुदत्त कृत; नि० का