पृष्ठ:हस्तलिखित हिंदी पुस्तकों का संक्षिप्त विवरण.pdf/१७९

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का० [ १४६. ] रामायण राघव कृत--राघवजन कृत, वि० रामा १६०२ के लगभग वर्तमान, कालीचरण के यण की संक्षिप्त कथा । दे० (ज-२३४) आश्रयदाता । दे० (ङ-१) रामायण शूचनिका-अलि रसिक गोविंद कृत, | रायचंद्र-मुर्शिदाबाद के राजा डालचंद के वि० रामायण की कथा का वर्णन ! दे० प्राश्रित, १६ वीं शताब्दी में वर्तमान । (छ-१२२ जी) विचित्र मालिका दे० (ज-२३६) रामायण मुमिरनी-नवलसिंह (प्रधान) कृत; रावण मंदोदरी संवाद-मुनि लावण्य कृत; - वि० रामायण का सारांश वर्णन ! दे० चि० सीताहरण पर रावण मन्दोदरी का (छ-७६ वाई) संवाद। दे० (क--५) रामालंकृत मंजरी—केशवदास कृत, वि० श्री रावराय-कल्याणमल के पुत्र, सं० १५६८ के रामचंद्र जी का चरित्र वर्णन । दे० (क-५२ पाँच) लगभग वर्तमान । दे० (क-८७) रामावतार--जसवंतसिंह कृत, वि० संक्षेप में | गसदीपिका-जनकराजकिशोरीशरण कृत; लि. राम-चरित्र वर्णन । दे० (छ-२७४) सं० १६३०, वि० राम-जानकी का रामाश्वमेध-मधुअरि दास कृत, नि० का० सं० विहार वर्णन । दे० (ज-१३४ जे) १८३२; लि० का० सं० १९३८, वि० श्री राम- | रासपंचाध्यायी--रामकृष्ण चौवे कृत, वि० श्री. चंद्रजी के अश्वमेध का वर्णन 1 दे० (ख--७) कृष्ण के नृत्य विलास का वर्णन । दे० (छ- रामाश्वमेध–हरिसहाय गिरि कृत, नि० का० १०० एफ) सं० १८५६, लि० का० सं० १८६६, वि० श्री | रासपंचाध्यायी-कृष्णदेव कृत, लि० का० सं०- रामचंद्र जी के अश्वमेध यज्ञ का वर्णम, पद्म- १८८७, पि. राधाकृष्ण की रास का वर्णन । दे० (ज-१५६) पुराण पाताल खंड से अनुवादित । दे० (घ-१६) । रासपंचाध्यायी-अन्य नाम पंचाध्यायी, नंद रामाश्वमेध–गुरुदीन कृत वि० लवकुश के संग्राम का वर्णन ! दे० (ज-१०२) दास कृत; लि० का० सं० १८७२, दूसरी प्रति का लि. का० सं०१८४३, वि० कृष्ण की रास- रामाश्वमेध–मधुसूदनदास कृत, नि० का० सं० लीला का वर्णन | दे० (छ-२००ए) (स्त्र-६६) १८३२; लि० का० सं० १८८३, वि० श्री रामचंद्र रासपद्धति- कृपानिधास कृत, लि० का० सं० के अश्वमेध का वर्णन । दे० (ज-११) १६००, वि. राम-सीता का विहार वर्णन । रामाश्वमेध-मोहनदास मिश्र कृत; नि० का० दे० (ज-१५४ ए) सं० १८३८; लि० का० सं० १६१८, दूसरी प्रति रासपद्धति और दानलीला-रामसस्ने कृत;- का लि० का० सं०१६०२ और तीसरी का सं० वि० रामचंद्रजी की रासलीला का वर्णन ! १६२४; वि० श्री राम के अश्वमेध यज्ञ करने दे० (छ-२१६ यी) का वर्णन । दे० (ज-१६६ सी) (छ-२४५) रासमुक्तावली लीला-ध्रुवदास कृत, षि० रामेश्वरसिंह-भोजपुर के राजकुमार, स० कृष्ण विहार वर्णन । दे० (ज-७३ ओ)