पृष्ठ:हस्तलिखित हिंदी पुस्तकों का संक्षिप्त विवरण.pdf/१८

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(५) (+-) और (प-४२) में रसदीप माय , at a णी गई है जो कि प्राय है। था के कमीन मोर राजा गुमबत्तति मग अलग प्रणमनवरमा मानित शुभकरन कषि मे रपिता माने गए है, परन्तु पधार्थ में बोलने मपर्म भापय माता के मासे लिया था। (-11) सक्त ग्रंथ सवत् 1988 में रचा या मौर अमेठी में प्रातरा नाम शुमकरण द्रोक दिया गया राजा गुलासिंह (प. भूपति) को समर्पित है जैसा प्रिय में कवि ने सय भी बन किया था यो रिकवी कधि के माध्यमाता किया है।। एसदीय हायरपपिता मही योगा (E) (E-१२९) और (५-२५५) में वर्षिer कविका उपनाम प्रतीत होता है। मनापा सभापम मिट माने गए है। पर (६) (-१) में भाविस्य कया बड़ी का गनका पप यिपार मालर' एक ही है, माता दोनों एपयिता गौरी कवि माना गया है। परतु गौरी, एक ही है।म प्रध का निर्माण काल सपत् १०३ माऊ कपि की माँ का नाम था। प्रशाटने सयपान में १७२६ चाहिए था। (-) में कथित अपने प्रध में सिया- भमायदास मो यही है। प्रधानों को एक मात्र भगरवाल यह फिपो पाण। कर ही लिखा गया है। गौरीसामी निर्वागिरि थान। (१) (-२२०) में 'प्रेम रखाकर रतनपाल गर्गे हो गोठ मन की पून । भैया एप्स बत्तसापा गया है परंतु यथार्य में पर माधु कवि इन भगम सजूत प्रय देवीदास त डोक रसमस पारे इससे निरिह होता है कि इस प्रथम भाभित घे। राजमोतिककर्षितरपयिता (प- पिना गर्नेगोषी मप्रदान वश मोऊ कथि विमुम- चौर ग-20 में पर्सिन धोवास और ये न गिरि नियासी पे, उनकी मां का मामला देवीदास एकही पेमकवारों को एक ही मामा धीर पिता का नाम मकाया। गया है। (0) (-1)में मोहराय पथकारचयिता इसी प्रकार मामी करियारे समय मानसिंह पटाया गया है, पर उसका रपिता मावि में परिपर्चन किया गया। इसी प्रकार मानसिंह का शिल गुलाबसिथा। कवि अपने मितमी ही पोज होती आपगी, उतना ही अधिक प्रेयक मन में हिफा है-हिमा मानतिर कपि गौर करिता काल भारि गुम होते जाधणे। परम शिपात गुलामसिंह हम पौरी राय मात्मवेन समय है रस संकिन पिपरण में परती भानियाँ बिरबते मोष पथ प्रकास निदह मुलि मिरगयी व मी शेष हो, तपा दम सोधनों में मी पर माय पंसमो नियाल | मत पर कि मायापक मूल हो। गोम्बामी मुलसीदास जी के रपे ३४ पारयिता गुनासा थे। (घ) में ही प्रयोग में मिले हैं। सपूर्ण प्रण गोलामी जी सप'मास पंधरा के नाम से गुलापमिद | एत धापि नहीं है इसति कार और न सीदास जी की वापी मामक प्रथ तो उस घुषी (८) (-110) 'मनपर बद्रिका मनवर से मना कर दिए गए है परतु ममीक प्रय