पृष्ठ:हस्तलिखित हिंदी पुस्तकों का संक्षिप्त विवरण.pdf/१९६

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[ 11 ] म्यास जी के पद (पहारसी)-प्यास डी एम, यी सबारो दे० (-३४) लिका-विरापा और हाके तरंग सार ३० (-४पल), प्रेम तथा 1 ० (-10 वी) (१-३३८ बो), ग्रन दीपिका-जबलसिंह (धान) त, निa भ्यासगासन विषय में कुछ भी मात मदी। का०सं० सि का० सं० वि० REAN (५-१५) घनका वर्षमा ३० (Esti) पालो-प्रदाम एना थि० राधा-पूण यजनाप-स. १७३२ ६सयमग पतमाम, जाति वियादापरेक(५-२४४) माया महापति मिन : पशन कपिला म्यालो---रमिकविद्यारिन दास पुनः धि० रापा निवासी थे। हमके पियारका पान । ३०(१-३०) पिंग दे० (-२) भ्याली-धुधाम Tr, वि० राण भौर म राज–अम्यूमश महाराज सिंह के के विधारापराम ज-३ पल) पुत्र RARE अगमग मामा कर ब्रज गोपिका पिनयमोनालाल चौधे रस, पवार (वर) के पाप्रपदाता ।३० वि० गोपिपोगप्प से पिनय कायान । (व-६ (x2) ममताल-माम कषि के पुत्र, आदि के माद थे। अमर्षद--परमानद पिया, मायगढ़ निवासी NOTER सगमग पर्वमान, बनारस मांग राजा सदितनारापसिंह के माता अमनीवनदास-पावरोवय मानुराडपम हनुमान बार पबित है. (48) मरद देव पास मे हमका पर्सन किया गरिकोसिस (प-६३) | tAEE सगमा पर्नेमामा या सर बन में मीर। ग्रनलीला-हरिश रिज इत सि० का सा परम पावन (-३४५) FEपिपासास और उदय बाद मरिश मतमात्र १०(4-४ बी) ही प्रयप्ता और एपासण-परित धन । पेपती (अ-३४ सी) २०(4-NER) गोपाप-14-३४ी) ग्रामलीला--भुपयास सावि० राधा-रण के पप शैली (2-111) पति का पर्णम । ०-३ दी) TRA IN Ananter-३५ एए) यम गनपदास-नक विषय में कभी बात kam मि0 (-1) दीre.(-४९१) मसार चरित्र १० (ज-३५२) मार (बमामात्र) ३०-३५ भाई) दुरामा चरित्र (2-14) Smगमा २०(३-३४) माभिव.(-1५सी)